Friday, November 22, 2024
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रोहतक की शुद्ध होगी हवा, इन 3 मुख्य चौराहों पर लगेगा Air Purifier

प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए निगम की पहल, तीन मुख्य चौराहों पर एयर प्यूरीफायर लगाने की तैयारी, 25 शौचालयों साइट पर विज्ञापनों के लिए टेंडर भी होगा, वित्त अनुबंध कमेटी की बैठक में लिया गया फैसला

रोहतक। रोहतक की हवा को शुद्ध बनाने के लिए शहर के तीन मुख्य चौराहों पर नगर निगम अब एयर प्यूरीफायर (हवा शुद्ध करने वाला यंत्र) लगाने की तैयारी में है। इस यंत्र का दायरा 50 हजार मीटर का होगा, यानी 50 हजार मीटर के अंदर हवा को यंत्र हाथों हाथ शुद्ध करेगा। सबसे पहले इस यंत्र को भिवानी स्टैंड पर लगाया जाएगा। अगर सफलता मिली यानी प्रदूषण कंट्रोल हुआ तो इसे शहर के दो अन्य चौराहों पर भी लगाया जाएगा।

ये निर्णय सोमवार को वित्त अनुबंध कमेटी की बैठक में लिया गया। बैठक में मौजूद कमेटी के सभी सदस्यों ने इस पर अपनी सहमति जाहिर की। इतना ही नहीं शहर में पेड़ पौधों को धोने के लिए दो मशीनें आएंगी। इसके अलावा 25 शौचालयों साइट पर विज्ञापनों के लिए टेंडर भी होगा। बता दें कि शहर में करीब 80 सार्वजनिक शौचालय हैं। इनमें से 25 शौचालयों पर विज्ञापन का टेंडर हो चुका है। इससे निगम को आमदनी होगी। यह 25 शौचालय शहर के मुख्य बाजारों में हैं।

बता दें कि वित्त अनुबंध कमेटी की बैठक हर तीन महीने बाद होती है। सोमवार की इस बैठक में पिछले नौ महीने के आमदनी व खर्ची का लेखा-जोखा नगर निगम ने कमेटी के सामने रखा। यहां गौर करने वाली बात से है कि निगम का हर महीने का खर्च करीब 13 करोड़ रुपये है और इन नौ महीनों में नगर निगम के खजाने में केवल 27 करोड़ आए हैं, यानी हर महीने 3 करोड़। इससे साफ जाहिर है कि निगम को हर महीने करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

बता दें कि नगर निगम का चालू वित्त वर्ष में 55 करोड़ रुपये का लक्ष्य है, कमेटी सदस्यों ने बताया कि जो 27 करोड़ निगम के खजाने में अभी तक आए हैं उनमें से 12 करोड़ प्रापर्टी टैक्स और बाकी डेवलपमेंट चार्ज और किराया राशि से जमा हुआ है। हालांकि बैठक में मौजूद निगम के अधिकारियों ने इस प्रापर्टी टैक्स के लक्ष्य को कम होने की बात कही। जिसका कारण बिलों में त्रुटियां और टैक्स में दी गई छूट बताया गया। नगर निगम अभी तक चल रहे वित्त वर्ष में 108 करोड़ रुपये खर्च कर चुका है। इनमें सड़क-सफाई, डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन पर करीब 36 करोड़ खर्च किए गए हैं। इसके अलावा सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर भी करीब 12 करोड़ खर्च किए हैं। इसके अलावा अन्य खर्च भी इसमें शामिल हैं।

आपको बता दें सोमवार शाम हाउस की वित्त कमेटी के सामने निगम प्रशासन की तरफ से ये आंकड़े रखे गए। तय हुआ कि निगम आय बढ़ाने के लिए टैक्स वसूली पर जोर देगा। इसके लिए 27, 28 व 29 जनवरी को निगम कार्यालय में कैंप लगेगा, जिसमें लोगों के प्रॉपर्टी टैक्स के बिलों को दुरुस्त किया जाएगा।

नगर निगम को अगले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए फरवरी माह में बजट तैयार करना है। उसे हाउस में पास करवाकर 31 मार्च से पहले मुख्यालय भेजा जाएगा। सोमवार शाम को नगर निगम के मेयर मनमोहन गोयल व आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा की अध्यक्षता में हाउस की वित्त कमेटी की बैठक हुई। बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर राजकमल सहगल, डिप्टी अनिल, कमेटी सदस्य कृष्ण सहरावत व महिला पार्षद कंचन खुराना के प्रतिनिधि एवं पूर्व पार्षद अशोक खुराना भी मौजूद रहे।

बैठक में चालू वित्त वर्ष में नगर निगम की आय व व्यय पर मंथन किया गया। मेडिकल मोड़ पर जहां वीटा बूथ लगा हुआ है उसके पीछे की जमीन नगर निगम की है। पिछले आठ महीनों से ये खाली पड़ी है। इससे पहले इसे करीब चार लाख रुपये महीना किराए पर दिया गया था। अब इसे टेंडर के जरिए जल्द लीज पर देने की तैयारी है ताकि निगम की आमदनी में बढ़ोतरी हो। निगम की तरफ से बताया गया कि चालू वित्त वर्ष में 28 करोड़ रुपये विकास कार्यों पर खर्च करने का प्रावधान किया गया था, लेकिन बजट की कमी के चलते तीन करोड़ ही खर्च हो सके।

सफाई के काम में तय राशि से 10 गुणा अधिक खर्च की गई है। वहीं शहर में विकास के नाम पर पिछले नौ महीनों में केवल 3 करोड़ रुपये की खर्च किए गए हैं। जबकि इसके लिए प्रस्तावित राशि 27 करोड़ रखी गई थी। इसके अलावा पार्कों के रख-रखाव पर करीब 5 करोड़ की राशि खर्च हुई है।

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