रोहतक। ट्रेनिंग से वापिस लौटते ही रोहतक नगर निगम आयुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कार्यभार संभाल लिया, लेकिन आते ही वे एक्शन मोड में नजर आये। उन्होंने पहले इंजीनियरिंग ब्रांच के अधिकारियों के साथ बैठक कर अपडेट लिया। इसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार मामले से जुड़ी बिल्डिंग ब्रांच की फाइलें तलब की हैं। समीक्षा के बाद कार्रवाई के लिए स्थानीय शहरी निकाय मुख्यालय चंडीगढ़ रिपोर्ट भेजेंगे। एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से कार्रवाई के बाद से नगर निगम की भवन शाखा लगातार सुर्खियों में है।
चंडीगढ़ से पहले ही नगर निगम को लेटर भेजकर निगम सीमा के अंदर अवैध ढंग से विकसित हो रही कॉलोनियों और बहुमंजिला इमारतों के बारे में ब्यौरा मांगा गया है। इसमें यह भी पूछा गया है कि जब अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही थी तो अवगत होने के बाद निगम की ओर से क्या कार्रवाई की गई। साथ ही कार्रवाई के दौरान कौन कौन से अधिकारी मौके पर गए। उन्होंने क्या एक्शन लिया। इसके अलावा बाद में उन अवैध कॉलोनियों का विस्तार होता रहा अथवा वहीं पर विराम लग गया।
नगर निगम कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से अधिकतम 15 मीटर ऊंचाई तक ही इमारतें बनाने का नियम है। इसके बावजूद बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। हालात ऐसे हैं कि नियमों की अनदेखी करके बेखौफ लोग 5 से सात मंजिला इमारतें बना रहे हैं। वह भी बहुमंजिला भवन बिना एनओसी के ही निर्मित हैं। इसके बाद भी निगम प्रशासन सब कुछ जानते हुए चुप्पी साधे बैठा है।
शहर में ऊंची बहुमंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। इन इमारतों में किसी तरह का हादसा या अनहोनी होने पर प्रशासन बचाव करने में असक्षम है। निगम या दमकल विभाग के पास आपात स्थिति में भवन की छत या तीन मंजिल से ऊपर पहुंचने तक की सुविधा नहीं है। दमकल विभाग के पास आधुनिक हाइड्रोलिक वाहन भी नहीं है। जबकि शहर की वर्तमान स्थितियों को देखते हुए इसकी सख्त जरूरत है। इस बाबत अग्निशमन विभाग की ओर से मुख्यालय लेटर भी भेजा गया है। नगर निगम कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि बिल्डिंग ब्रांच से ब्यौरा मांगा गया है। पड़ताल के बाद मामले की रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे। जिसका जैसा अपराध होगा, उसके खिलाफ वैसी ही कार्रवाई की जाएगी।