Red water crisis : 21वीं सदी में जहां तकनीक और विकास नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, वहीं भारत के कई ग्रामीण क्षेत्र अब भी बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं। गुजरात के वडोदरा जिले के नंदेसरी औद्योगिक क्षेत्र के पास स्थित अंगारा गांव इसका जीवंत उदाहरण है। यहां एक विचित्र समस्या ने पूरे गांव के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को हिलाकर रख दिया है।
Red water crisis लड़कियां शादी से कर रहीं इनकार
अंगारा गांव की लड़कियां यहां के लड़कों से शादी करने को तैयार नहीं हैं। इसका कारण जानकर हर कोई हैरान रह जाता है। गांव में स्वच्छ पानी की भारी कमी है। भूजल इतना प्रदूषित है कि बोरवेल से लाल रंग का पानी निकलता है, जो पीने और खेती के लिए अनुपयुक्त है।
Red water crisis ने बिगाड़ा गांव का जीवन
भूजल प्रदूषण के कारण यहां के लोग पीने के लिए पूरी तरह से पानी के टैंकरों पर निर्भर हैं। पानी की कमी और प्रदूषण ने खेती को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। इसके चलते ग्रामीणों की आजीविका पर गहरा संकट खड़ा हो गया है।
प्रदूषण के पीछे कौन है जिम्मेदार?
इस समस्या की जड़ नंदेसरी औद्योगिक क्षेत्र में दशकों पहले शुरू हुई। कई कंपनियों ने अपने कचरे और रसायनों को बिना उपचार के जमीन में बहा दिया। इसका असर इतना गहरा हुआ कि आसपास के सभी जलस्रोत – बोरवेल, कुएं और झीलें – पूरी तरह से प्रदूषित हो गए। आज भी इस क्षेत्र में जहां बोरवेल खोदा जाता है, वहां लाल रंग का जहरीला पानी निकलता है।
युवाओं का पलायन
पानी की इस समस्या ने युवाओं को गांव छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। यहां के लड़कों से शादी करने को कोई लड़की तैयार नहीं है। यह समस्या अब एक गंभीर सामाजिक और आर्थिक संकट का रूप ले चुकी है।
स्थानीय लोगों की मांग
गांव के लोग सरकार और प्रशासन से जल्द से जल्द इस समस्या के समाधान की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि भूजल शुद्धिकरण और जलस्रोत पुनर्जीवन के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। केवल तभी यहां के लोग सामान्य जीवन जीने और भविष्य संवारने की उम्मीद कर सकते हैं।