Wednesday, May 1, 2024
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रामनवमी कल, बन रहे हैं दुर्लभ शुभ योग, जानें का पूजा शुभ मुहूर्त और महत्व

नई दिल्ली। रामनवमी इस साल 17 अप्रैल को धूमधाम से मनाई जाएगी। चैत्र मास के शुक्‍ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है। इस साल अयोध्‍या में राम मंदिर बन जाने के बाद रामनवमी और भी खास होगी लोगों के मन में रामनवमी को लेकर उत्‍सुकता और बढ़ गई है। अयोध्‍या के राम मंदिर में इस साल रामनवमी के अवसर पर भगवान रामलला का सूर्य तिलक होगा। त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल नवमी को भगवान राम का जन्‍म हुआ था। इस साल अयोध्‍या नगरी भगवान राम के जन्‍मोत्‍सव को धूमधाम से मनाने के लिए सज चुकी है और एक बार फिर यहां भगवान राम आएंगे। आइए आपको बताते हैं राम नवमी का इतिहास, महत्‍व, महात्‍म्‍य और इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं।

रामनवमी पर बन रहे दुर्लभ संयोग

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में होंगे, जिससे कर्क लग्न बन रहा है। इसके साथ ही रामलला के जन्म के समय सूर्य दशम भाव में विराजमान होने के साथ उच्च राशि में थे। ऐसे ही इस बार रामनवमी के दिन सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होने के साथ दशम भाव में मौजूद रहेंगे। राम नवमी पर इस बार पूरे दिन रवि योग का शुभ संयोग बना है तथा आश्‍लेषा नक्षत्र पूर्ण रात्रि तक है। इसके अलावा गजकेसरी योग बन रहा है। माना जा रहा है कि श्री राम के जन्म की समय उनकी कुंडली में गजकेसरी योग भी था। इस योग के बनने से कुछ राशि के जातकों को मान-सम्मान, यश-कीर्ति की प्राप्ति होगी।

राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार राम नवमी इस बार 16 अप्रैल को दोपहर में 1 बजकर 23 मिनट पर आरंभ हो जाएगी। इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर में 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। उदया तिथि की मान्‍यता के अनुसार राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा। राम नवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 50 मिनट से 12 बजकर 21 मिनट तक का समय सर्वोतम रहेगा। इस समय शुभ चौघड़िया भी रहेगा। वैसे 11 बजकर 50 मिनट से 1 बजकर 38 मिनट तक का समय भी पूजन के लिए लिया जा सकता है।

राम नवमी का महत्‍व

राम नवमी का महत्‍व और महात्‍म्‍य राम नवमी के महत्‍व के बारे में पौराणिक मान्‍यताओं में बताया गया है कि चैत्र शुक्‍ल नवमी के दिन अयोध्‍या के राजा दशरथ के घर माता कौशल्‍या की कोख से विष्‍णु अवतार राम का जन्‍म हुआ था। तब से यह दिन राम नवमी के रूप में भगवान राम के जन्‍मोत्‍सव के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन मठों और मंदिरों में यज्ञ, हवन और भंडारे किए जाते हैं। राम नवमी के महात्‍म्‍य की बात करें तो इस दिन घर में पूजा पाठ करने और हवन करने से घर में सुख और संपन्‍नता बढ़ती है और माता लक्ष्‍मी भी प्रसन्‍न होती हैं। माता सीता को लक्ष्‍मी स्‍वरूपा माना गया है। भगवान राम के साथ माता सीता की पूजा करने से मां लक्ष्‍मी की कृपा आपको प्राप्‍त होती है और आपके घर में धन वृद्धि होती है।

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