Thursday, May 8, 2025
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Rajasthan News: फलौदी जिले में भूमि पंजीयन में गड़बड़ी पर पटवारी निलम्बित

Rajasthan News: राजस्थान पत्रिका में गत 2 मई को प्रकाशित खबर ‘‘राजस्थान के फर्जी किसान प्रमाण पत्र से महाराष्ट्र में जमीन खरीदने का खेल’’ के संबंध में फलौदी जिला कलक्टर से प्राप्त तथ्यात्मक रिपोर्ट के अनुसार फलौदी जिले की सेतरावा तहसील के रामसर ग्राम में 39 दस्तावेज किरण सिंगारिया, तत्कालीन उप पंजीयक सेतरावा के कार्यालय में पंजीबद्ध हुए।

उप पंजीयक कार्यालय में दस्तावेजों को बाहरी राज्यों (अधिकांशतः महाराष्ट्र) के व्यक्तियों के नाम पंजीबद्ध करवाये गये हैं। सभी खरीदार दस्तावेज खास मुख्त्यारनामा के आधार पर पंजीबद्ध किये जाने से खरीदार स्वयं उप पंजीयक कार्यालय में पेश नहीं हुए हैं। इन पंजीबद्ध दस्तावेजों का नामान्तरण चेतनराम, पटवारी कलाऊ द्वारा दर्ज किया गया।

राजस्व विभाग के उप शासन सचिव हरि सिंह मीना ने बताया कि पंजीकृत बेचनानामे के आधार पर भूमि का नामान्तरणकरण क्रेता के पक्ष में पटवारी द्वारा दर्ज किया गया। नामान्तरण पश्चात 39 व्यक्तियों को कृषि भूमि का कृषक व खातेदार होने का भूमि / किसान प्रमाण पत्र श्री चेतनराम पटवारी व श्रीमती किरण सिंगारिया के द्वारा हस्ताक्षरित कर जारी किया गया।

इसी प्रकार 292 दस्तावेज और पंजीबद्ध करवाये गये जिनका नामान्तरण भी श्री चेतनराम, पटवारी कलाऊ/भींवसागर द्वारा दर्ज किया गया तथा नामान्तरण पश्चात 329 व्यक्तियों को श्री चेतनराम, पटवारी व तत्कालीन तहसीलदार श्री बाबूलाल के द्वारा हस्ताक्षरित भूमि/किसान प्रमाण पत्र जारी किया गया।

पंजीकृत क्रय पत्र में भूमि का क्षेत्रफल या रकबे के लिए राजस्थान में प्रचलित मानक माप यूनिट अर्थात बीघा, बिस्वा, हैक्टेयर, हेयर या एकड़ में ही वर्णित होना आवश्यक है, गज/वर्गगज/फीट/वर्गफीट अथवा मीटर/वर्गमीटर आदि माप ईकाईयां कृषि भूमि के प्रयोजनार्थ मानक माप ईकाईयां नहीं है। प्रकाशित खबर के अनुसार राज्य के फलौदी सहित अन्य जिलों में महाराष्ट्र या अन्य राज्य के लोगों द्वारा लघु क्षेत्रफल की भूमि जो कृषि योग्य की श्रेणी में नहीं आती है, की रजिस्ट्री करवाकर नामान्तरणकरण के बाद भूमि/किसान प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिये गये हैं, जो राजस्व नियमों के विपरीत है।

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पंजीयन दस्तावेजों द्वारा क्रेतागण के प्रत्येक पक्ष में 43 वर्ग फीट कृषि भूमि अन्तरित हुई हैं। इतने कम रकबे में सद्भावी तौर पर कृषि कार्य किया जाना व्यवहारिक रूप से सम्भव नहीं है। ऐसे बेचान दस्तावेजों के आधार पर नामान्तरकरण दर्ज किया जाकर भूमि/किसान प्रमाण पत्रों में क्रेतागण को कृषक व खातेदार होने का प्रमाणन किया गया है जो अनुचित है क्योंकि इस प्रकार के भूमि / किसान प्रमाण पत्र जारी किये जाने का राजस्व नियमों में कोई प्रावधान नहीं है।

प्रकरण में प्रथम दृष्टया दोषी उक्त तीनों राजस्व अधिकारियों / कार्मिकों में से श्री चेतनराम, पटवारी, तहसील सेतरावा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है तथा दोनों तहसीलदारों को निलम्बित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनिक कार्रवाई करने हेतु निबन्धक राजस्व मण्डल अजमेर को निर्देशित कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त नियम विरूद्ध जारी भूमि / किसान प्रमाण पत्रों की जाँच कर उनको निरस्त करने तथा भविष्य में इस प्रकार के प्रमाण पत्र जारी नहीं किये जाने के संबंध में प्रदेश के सभी जिला कलक्टर एवं राजस्व मण्डल को निर्देश प्रदान कर दिये गये हैं। जोधपुर संभाग के अन्य जिलों एवं बीकानेर जिले से प्रकाशित खबर के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट आना अपेक्षित है। तथ्यात्मक रिपोर्ट प्राप्त होने पर अनियमितता पाये जाने पर राज्य सरकार द्वारा दोषी राजस्व अधिकारियों/कार्मिकों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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