Rajasthan News: भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से आज 14वें ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार (जीआईटीबी) के अवसर पर जयपुर, राजस्थान में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से जीआईटीबी के पहली शाम को देशी-विदेशी मेहमानों के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर भारत सरकार के पर्यटन कला एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दिया कुमारी, ओडिशा की सरकार की उप मुख्यमंत्री, प्रावती पारिदा, भारत सरकार के पर्यटन के अतिरिक्त सचिव व महानिदेशक, सुमन बिल्ला, फिक्की की पूर्व प्रेसिडेंट व फिक्की टूरिज्म कमेटी की मेंटर व ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप की सीएमडी डॉ. ज्योत्ना सूरी उपस्थित रहे।
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने इस अवसर पर पर अपने सम्बोधन में कहा कि राजस्थान केवल एक ट्रेवल मार्ट नहीं है, यह एक संभानाओं का मंच है। इस तीन दिवसीय आयोजन में 11हजार बी टू बी मीटिंग आयोजित होंगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पर्यटन के लिए अनंत सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में केवल ट्रेडिशनल पर्यटन ही नहीं किन्तु नए तरीके के पर्यटन की भी बहुत संभावनाएं हैं।
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यहां ग्रामीण पर्यटन, वन्य पर्यटन की संभावनाएं हैं। यहां नये शहरों, नये क्षत्रों में पर्यटन की संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि हम राजस्थान में पर्यटन के लिए ढाँचागत विकास कर रहें हैं। सुविधाएं विकसित कर रहें हैं। नई सड़कों, हाईवे और रेलवे नेटवर्क का निर्माण कर रहें हैं। नए एयरपोर्ट बना रहें हैं।
उन्होंने कहा कि हम कोविड से पहलें की स्थिति को फिर से बहाल करते हुए राजस्थान में बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटकों के आगमन की उम्मीद कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि हम भारत मंडपम की तर्ज पर जल्द ही जयपुर में राजस्थान मंडपम् तैयार कर रहे हैं। इसकी भव्यता निश्चित ही राजस्थान में पर्यटन के नए आयाम स्थापित करेगी।
इस कार्यक्रम में 300 से अधिक डेलिगेट्स और प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय MICE कंपनियां/ऑपरेटर्स, घरेलू MICE कंपनियां/प्रोफेशनल कॉन्फ्रेंस ऑर्गेनाइजर, स्पीकर्स, जीआईटीबी के लिए आमंत्रित MICE में विशेषज्ञता प्राप्त विदेशी टूर ऑपरेटर, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, मीडिया, विभिन्न पर्यटन और आतिथ्य संघों के हितधारक, स्थानीय हितधारक (होटल, डीएमसी, एसोसिएशंस, जीआईटीबी, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारी, प्रदर्शक आदि) आदि शामिल थे।