साहिबजादा अजीत सिंह नगर में पंजाबी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। दरअसल, ये आदेश निदेशक शिक्षा विभाग की ओर से जारी राज्य स्तरीय आदेशों के तहत जारी किए गए हैं। इस काम को अंजाम देने के लिए टीमें भी बनाई गई हैं, जो स्कूलों में जाकर पता लगाएंगी कि कहां पंजाबी पढ़ाई जा रही है और कहां नहीं हो रही।
जांच के पहले चरण में 107 स्कूलों की सूची जारी की गयी है। इस काम को पूरा करने के लिए हेडमास्टर और प्रिंसिपल स्तर के अधिकारियों को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी दर्शनजीत सिंह की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक ये अधिकारी एक सप्ताह के भीतर टिप्पणियों के साथ रिपोर्ट सौंपेंगे।
पंजाबी विषय पढ़ाने के लिए जिन स्कूलों की जांच की गई है, उनमें अधिकतर सीबीएसई बोर्ड के हैं। हालांकि, दुविधा यह है कि विभाग ने जांच टीमों को जांच के लिए कोई रूपरेखा उपलब्ध नहीं कराई। ऐसे में हेडमास्टर और प्रिंसिपल असमंजस में हैं कि किस कक्षा से शुरुआत करें।
चूंकि मोहाली के अधिकांश निजी स्कूल केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से संबद्ध हैं, इसलिए उनमें विषयों को पढ़ाने के मानक भी सीबीएसई से ही लागू होते हैं। साफ है कि इनमें से कई स्कूल नर्सरी से पंजाबी विषय शुरू नहीं करते हैं तो विभाग इन स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है।
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जिला शिक्षा विभाग की ओर से अनिवार्य विषय को लेकर जारी पत्र में पंजाबी स्पेलिंग में बड़े पैमाने पर गलतियां हैं। इसमें विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के भाषाई मानक पर भी सवाल उठ रहे हैं। यह पत्र 23 फरवरी को जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी किया गया था, जिसका विषय पंजाबी विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाने से संबंधित था। करीब 80 शब्दों के इस पत्र में अधिकतर शब्द संयोजन गलत हैं।