Punjab, पटियाला की अदालत ने गुरुवार को नाभा जेल ब्रेक मामले में 22 दोषियों को दस-दस साल की कैद की सजा सुनाई है, इनमें 9 खतरनाक गैंगस्टर और दो जेल मुलाजिम शामिल हैं.
साथ ही इस मामले में छह आरोपियों को बरी किया जा चुका है. आपको बता दें कि 27 नवंबर 2016 को नाभा की मैक्सिमम सिक्योरिटी जेल पर पुलिस की वर्दियों में गाडिय़ों में सवार होकर आए अपराधियों ने ताबड़-तोड़ फायरिंग करते हुए हमला किया.
जेल से खालिस्तान लिब्रेशन फोर्स के प्रमुख आतंकी, हरमिंदर सिंह मिंटू व आतंकी कश्मीर सिंह समेत चार खूंखार गैंगस्टरों को भगा कर ले गए थे.
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अदालत की ओर से दोषी करार दिए 22 अपराधियों में 9 खतरनाक गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह सेखों, सुलखन सिंह उर्फ बब्बर, मनवीर सिंह उर्फ मनी सेखों, कुलप्रीत सिंह उर्फ नीटा दियोल, अमनदीप सिंह उर्फधोतियां, गुरप्रीत सिंह खौरा, बिकर सिंह, जगतवीर सिंह उर्फ जगता व पलविंदर सिंह उर्फ पिंदा शामिल हैं.
इसके अलावा दोषी करार दिए अपराधियों में गुरप्रीत, गुरजीत सिंह उर्फ लडा, हरजोत सिंह उर्फ जोत, सुखचैन सिंह उर्फ सुक्खी, मनजिंदर सिंह, कुलविंदर सिंह उर्फ ढिमबरी, राजविंदर सिंह उर्फ राजू सुल्तान, रविंदर सिंह उर्फ ग्याना, सुखचैन सिंह उर्फ सुक्खी, मनजिंदर सिंह, अमन कुमार, सुनील कालड़ा, किरण पाल सिंह उर्फ किरणा, जेल मुलाजिम भीम सिंह व जगमीत सिंह शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक जेल मुलाजिमों पर अनलाफुल एक्टिविटीज प्रिवेंशन एक्ट (यूएपीए) व भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे लेकिन अदालत में यह साबित नहीं हो सके और इन दोनों जेल मुलाजिमों को कोर्ट ने केवल ड्यूटी में लापरवाही बरतने का ही दोषी पाया है. वहीं मनजिंदर सिंह, अमन कुमार, सुनील कालड़ा व किरण पाल सिंह पर आरोपियों को आश्रय देने के दोष साबित हुए हैं. बाकी पर हत्या की कोशिश, सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने, डकैती करने की धाराओं के तहत दोष साबित हुए हैं.