Saturday, November 23, 2024
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पंजाब, धान की रोपाई के लिए मजदूरों की नहीं पड़ेगी जरूरत, ऐसे होगी आसानी

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना अक्सर अपने नवाचारों और नई प्रौद्योगिकियों के लिए जाना जाता है। इस बार किसान मेले में ऑटोमैटिक ट्रांसप्लांटर किसानों के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, खासकर अब इन वॉक बिहाइंड ट्रांसप्लांटर को पीएयू के मशीनरी विभाग ने रिमोट से जोड़ दिया है,जिससे इसे चलाना आसान हो गया है।

एक घंटे में दो किलोमीटर की रफ्तार से चलने वाली यह स्वचालित मशीन कद्दू के खेत में धान की चार से छह कतारें आसानी से लगा सकती है। इस स्वचालित प्रणाली की रेंज 300 मीटर तक है, इसकी लागत लगभग 3 लाख 70 हजार रुपये है और अगर इसे पूरी तरह से स्वचालित करना है तो इसकी लागत और भी लाख रुपये है, जिससे किसान अपने खेतों को आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं। वह बाहर खड़ी छह लाइनों के बीच धान लगा सकते हैं।

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के फार्म मशीनरी विभाग के विशेषज्ञ डॉ. शिव कुमार ने कहा कि यह मशीनरी 5 साल पहले पेश की गई थी, लेकिन यह दो तरह से आती है। उन्होंने कहा कि इसमें किसान को खुद ही मशीन चलानी होती है और अगर इस मशीन की स्पीड एक घंटे में दो किलोमीटर है और अगर किसान को इससे धान की रोपाई करनी है तो अगर उसे एक दिन में 10 घंटे काम करना होता है। 20 किमी पैदल चलना है।

उन्होंने कहा कि इसके कारण उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, उन्होंने कहा कि जब धान लगाया जाता है तो तापमान 40 डिग्री से अधिक हो जाता है। ऐसे में किसान के लिए कद्दू के खेत में एक दिन में 20 किमी पैदल चलना कोई आसान काम नहीं था। इसे आसान बनाने के लिए हमने इस मशीन को स्वचालित किया है और इसे रिमोट के साथ एकीकृत किया है।

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रिमोट तकनीक से किसान आसानी से बाहर बैठकर अपने खेत में इसका नियंत्रण कर सकता है। बाएं से दाएं जाने के अलावा इसकी गति को नियंत्रित किया जा सकता है। जिस खेत में इसका उपयोग करना है उसके अनुसार किसान इसका दायरा निर्धारित कर आसानी से धान की रोपाई कर सकता है।

इस दौरान डॉ. शिव कुमार ने कहा कि धान की रोपनी में अक्सर किसानों को मजदूरों की भारी समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक एकड़ में धान रोपने के लिए लेबर पांच से छह हजार रुपये मांगती है। इसके अलावा इस धान को पूरी मशीन भी सही तरीके से लगा सकती है यहां तक ​​कि एक इंसान भी नहीं लगा सकता। उन्होंने कहा कि छह लाइन के बीच धान की रोपाई की जा सकती है। इस मशीन का एक और संस्करण आता है, जिसमें भी चार लाइनें होती हैं।

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