पंजाब, बठिंडा के गांव कोठे इंदर सिंह वाला के एक सरकारी स्कूल में प्रवेश पाने के लिए छात्रों को प्रतीक्षा सूची का इंतजार करना पड़ता है। प्राथमिक विद्यालय कोठे इंदर सिंह वाला के शिक्षक राजिंदर सिंह के प्रयासों के कारण, यह पंजाब का पहला सरकारी स्कूल था जिसमें सबसे अधिक छात्रों ने दाखिला लिया।
यह सरकारी प्राथमिक विद्यालय निजी स्कूलों को भी मात देता है, चूँकि इस स्कूल की शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी है। इस स्कूल को राजिंदर सिंह ने एक स्मार्ट स्कूल के रूप में विकसित किया है।
शिक्षक राजिंदर सिंह के इन प्रयासों को देखते हुए जहां उन्हें पंजाब सरकार द्वारा राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं शिक्षक दिवस के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा सम्मानित होने वाले छह शिक्षकों में शिक्षक राजिंदर सिंह का नाम पहला था। शिक्षक राजिंदर सिंह को नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया की ओर से 11 हजार रुपये की किताबें भेजी गई हैं।
बठिंडा की इन बस्तियों में पुलिस ने शुरु की छापेमारी, जानें
अध्यापक राजिंदर सिंह ने बताया कि 2015 में जब वह ट्रांसफर होकर कोठे इंदर सिंह वाला के सरकारी प्राइमरी स्कूल में आए तो, वहां करीब तीन दर्जन बच्चे थे और स्कूल की इमारत खस्ता हालत में थी। उन्होंने ग्राम पंचायत और समाजसेवियों के सहयोग से भवन को बेहतर बनाया और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा का स्तर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से ऊंचा उठाया।
एडमिशन के समय उन्होंने अपने स्कूल के छात्रों की प्रतियोगिता प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से करायी। सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की शिक्षा के स्तर को देखते हुए इनमें आसपास के 16 गांवों से विद्यार्थी पढ़ने आते हैं, जिनकी संख्या लगभग 231 है और यह स्कूल पंजाब का पहला ऐसा सरकारी स्कूल था, जहां सबसे ज्यादा संख्या में बच्चे नामांकित थे। अब भी बच्चे और अभिभावकों को प्रवेश के लिए इंतजार करना होगा। उन्होंने कहा कि अब पंजाब सरकार की ओर से स्कूल को ग्रांट भी मिलनी शुरू हो गई है।