Wednesday, July 30, 2025
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Punjab News: नई शिक्षा नीति की आड़ में केंद्र राज्यों के अधिकार छीन रहा – हरजोत सिंह बैंस

Punjab News: पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि केंद्र सरकार अपनी सीमा से आगे जाकर नई शिक्षा नीति की आड़ में राज्यों के अधिकार छीन रही है। बैंस यहां भारत मंडपम में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन में भाग लेने आए थे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इस राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने भी भाग लिया। बैंस ने कहा कि शिक्षा का विषय केंद्र और राज्यों की संयुक्त सूची में शामिल है, लेकिन केंद्र नई शिक्षा नीति की आड़ में राज्यों पर अपना प्रभुत्व बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।

पंजाब के शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंजाबी संविधान के तहत पंजीकृत 22 भाषाओं में से एक है और पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में भी बोली और पढ़ाई जाती है, इसके बावजूद सीबीएसई ने शुरू में पंजाबी को जर्मन, थाई और मंदारिन जैसे वैकल्पिक विषयों की श्रेणी में रखा था। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा इस संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराने के बाद ही पंजाबी को मुख्य भाषा की श्रेणी में शामिल किया गया। उन्होंने कहा कि शुरुआत में केंद्र ने दावे किए थे कि नई शिक्षा नीति क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देगी, लेकिन इन दावों के विपरीत केंद्र क्षेत्रीय भाषाओं को वैकल्पिक विषयों में रखकर उनका दर्जा कम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य के लिए अलग शिक्षा नीति बनाने की घोषणा की है और इसे जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति की आड़ में केंद्र सरकार ऐसा कोई कदम बर्दाश्त नहीं करेगी जिससे पंजाब, पंजाबियत और पंजाबी भाषा का महत्व कम हो। उन्होंने कहा कि पंजाब ने अपनी शिक्षा नीति पहले ही घोषित कर दी है और पंजाब सरकार शिक्षा क्षेत्र के सर्वपक्षीय विकास के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।

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बैंस ने कहा कि पंजाब के सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा के हर क्षेत्र में अनुकरणीय प्रदर्शन कर रहे हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं।

बैंस ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान राजस्थान में स्कूल भवन गिरने से हुए दुखद हादसे पर कोई चर्चा नहीं हुई और न ही मासूम बच्चों की मौत पर दो मिनट का मौन रखा गया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में मिड-डे मील से संबंधित मुद्दे, कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि, कई वर्षों से स्कूल वर्दी शुल्क में वृद्धि न करने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं की गई, जबकि पंजाब में गर्मियों और सर्दियों के लिए अलग-अलग स्कूल वर्दी की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में आधुनिक युग में शिक्षा के नए तरीकों, ब्लॉक चेन, मशीन इंटेलिजेंस (एआई), डिजिटल लर्निंग और अन्य मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए थी।

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