Punjab News: भाखड़ा-ब्यास जल को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे विवाद के बीच आज (5 मई) पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र होने जा रहा है। विशेष सत्र में पानी के मुद्दे पर सर्वसम्मति बनने की संभावना है। विधानसभा का सत्र कल सुबह 11 बजे शुरू होगा। इस अवधि के दौरान हरियाणा को पानी न देने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने विशेष सत्र की अनुमति दे दी है।
सबसे पहले पंजाब विधानसभा में पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके अलावा पूर्व सांसद (लोकसभा) मास्टर भगत राम और पूर्व मंत्री सरदार रणधीर सिंह चीमा को भी याद किया जाएगा। सत्तारूढ़ और विपक्षी दल केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साध सकते हैं।
सत्र के दौरान हरियाणा सरकार और बीबीएमबी भी केंद्र बिंदु रहेंगे। पंजाब विधानसभा अपने विशेष सत्र के दौरान जल मुद्दे पर पंजाब के साथ अब तक की गई दादागिरी और 30 अप्रैल को हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के बीबीएमबी के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर सकती है। इससे पहले दोनों राज्यों ने कई सर्वदलीय बैठकें की हैं। इन सभी दलों ने अपने राज्यों के प्रति वफादार रहते हुए सरकारों के निर्णयों का समर्थन किया।
प्रस्ताव में केंद्र सरकार द्वारा संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने तथा बीबीएमबी नियमों में किए गए संशोधनों का भी उल्लेख होने की संभावना है। सत्र में बांधों में घटते पानी और तीनों राज्यों द्वारा पानी के वास्तविक उपयोग का मानचित्र भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
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यह विवाद 28 अप्रैल को शुरू हुआ।
पंजाब और हरियाणा के बीच जल विवाद 28 अप्रैल को शुरू हुआ था। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की बैठक हुई, जिसमें पंजाब सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि वह हरियाणा को अतिरिक्त पानी नहीं देगी।
29 अप्रैल को सीएम मान के वीडियो से मामला गरमा गया।
इसके बाद 29 अप्रैल को पंजाब के मुख्यमंत्री मान का एक वीडियो सामने आया। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि हरियाणा ने अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है। अब उसे अतिरिक्त पानी नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार इस मामले में गंदी चालें चल रही है।
इसके बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बयान दिया कि पंजाब के मुख्यमंत्री इस मामले में राजनीति कर रहे हैं। इस बीच, हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मुलाकात की।
उसी शाम बीबीएमबी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी। शाम को ही हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी को पत्र लिखकर 1974 नियम की धारा 7 के तहत निर्णय लेने को कहा।