Punjab News: पश्चिम बंगाल अल्पसंख्यक आयोग के सिख सदस्य सतनाम सिंह अहलूवालिया ने थाईलैंड में कृपाण की लड़ाई लड़कर बड़ी जीत हासिल की है। आहलूवालिया की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार कुलदीप सिंह गरगज्ज ने कहा कि अगर हर सिख सतनाम सिंह की तरह अपने अधिकारों के लिए लड़े तो देश की तकदीर बदल सकती है।
पत्रकारों से बातचीत में अहलूवालिया ने कहा कि वह 12 अप्रैल को एक निजी कार्यक्रम के लिए थाईलैंड गए थे। उन्होंने होटल शांगरी-ला में बुकिंग प्रक्रिया शुरू की थी। होटल स्टाफ ने उनकी कृपाण की तुलना चाकू से की और उन्हें उसे उतारने को कहा। उन्होंने कहा कि यह हमारे धर्म का महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह तलवार है, चाकू नहीं।
उन्होंने बताया कि उनके और होटल स्टाफ के बीच करीब चार घंटे तक बहस चली। उन्होंने कहा कि उन्होंने होटल स्टाफ को थाई सिखों के बारे में भी बताया, जिन्हें थाई सरकार द्वारा अल्पसंख्यक का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने थाई गुरु घर के प्रशासकों से भी संपर्क किया और उन्हें अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार के बारे में बताया तथा नैतिक समर्थन मांगा। गुरु घर प्रबंधन ने उनका फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा, जिसके बाद उन्होंने गुरु घर के अध्यक्ष से संपर्क किया, जो जापान गए हुए थे। उन्हें महासचिव नियुक्त किया गया।
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अहलूवालिया ने आगे कहा कि शांगरी-ला होटल में ठहरने के बजाय उन्होंने एक अन्य होटल चुना और थाईलैंड के प्रधानमंत्री, भारत के प्रधानमंत्री, थाईलैंड में भारतीय दूतावास, भारत में थाई दूतावास सहित विभिन्न अधिकारियों और राजनीतिक नेताओं को पत्र लिखकर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में जानकारी दी।
इसके बाद होटल स्टाफ ने लिखित में माफी मांगी लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि कृपाण को लेकर उनके साथ बदसलूकी करने वाले कर्मचारियों को उन्होंने क्या नए निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस संबंध में शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष की ओर से उप सचिव हरभजन सिंह वक्ता से भी मुलाकात की और कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिरोमणि कमेटी को इस पूरे मामले पर विदेशी दूतावासों को पत्र जारी करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी सिख को कोई परेशानी न आए।