Punjab News: पंजाब सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पंजीकरण प्रमाण पत्र (आरसी) और ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के पंजीकरण और नवीनीकरण का अधिकार क्षेत्र क्षेत्रीय अधिकारियों को दे दिया है ताकि आर.सी. और डी.एल. पहचान पत्रों के पंजीकरण और नवीनीकरण से संबंधित पिछले कई वर्षों के लंबित कार्यों को पूरा कर आम लोगों को राहत प्रदान की जा सकेगी।
पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के नागरिक निर्धारित प्रक्रिया का पालन करके इस राहत का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि अब आवेदक अपने पुराने वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं तथा संबंधित दस्तावेजों का नवीनीकरण भी करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी आर.सी. और डी.एल. आईडी के नवीकरण से संबंधित दस्तावेजों की मंजूरी और गैर-ऑनलाइन उपलब्धता। एक बड़ी बाधा थी.
मंत्री ने कहा कि लिखित पत्र के माध्यम से पंजाब के सभी पंजीकरण प्राधिकरणों और सभी लाइसेंसिंग प्राधिकरणों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं और बैकलॉग पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जो दस्तावेज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करते हैं, उन पर राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा 24 मई, 2024 को जारी पत्र की शर्तों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए लिखा गया है।
भुल्लर ने कहा कि आर.सी. और डी.एल. कर के बकाया के संबंध में कार्यपालक मजिस्ट्रेट से प्रमाणित शपथ पत्र लिया जाएगा, जिसमें बकाया की ऑनलाइन प्रक्रिया, अवधि, श्रेणी, मैनुअल जारी करने वाले प्राधिकारी, कर का भुगतान, बकाया न होना तथा समस्त सूचनाएं सही होने की प्रविष्टियां करनी होंगी।
परिवहन मंत्री ने कहा कि आर.सी. बैकलॉग से संबंधित संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन अपलोड करते समय, जिस वाहन पर रजिस्ट्रेशन नंबर लगा है, उसकी मोटर वाहन निरीक्षक द्वारा चेसिस और इंजन नंबर का संपूर्ण विवरण दर्ज करते हुए भौतिक जांच रिपोर्ट अपलोड करना अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि आर.सी. बैकलॉग करते समय विभिन्न व्यक्तियों के वाहन हस्तांतरण रिकॉर्ड अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि पिछले मालिकों का रिकॉर्ड भी बनाए रखा जा सके।
भुल्लर ने कहा कि बैकलॉग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मूल अथॉरिटी के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है और डीलिंग स्टाफ को निर्देश दिए गए हैं कि वे पहले और बाद में जारी किए गए लाइसेंस की प्रमाणित/सत्यापित प्रति कार्यालय रिकॉर्ड में सारथी सॉफ्टवेयर में अपलोड करें और फिर लाइसेंसिंग अथॉरिटी से इसे मंजूरी दिलाएं। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान लाइसेंस की मूल प्रति तथा जन्म/पता का प्रमाण भी अपलोड करना अनिवार्य कर दिया गया है।