Punjab News: देशभर में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल चल रही है, वहीं बात करें पंजाब के सरकारी परिवहन की, जहां पीआरटीसी, पंजाब रोडवेज और कच्चे कर्मचारी 27 डिपो में तीन दिन की पूर्ण हड़ताल पर चले गए हैं।
इसमें आज बठिंडा बस स्टैंड पर कर्मचारियों द्वारा सरकारी बसों को रोककर अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ हड़ताल शुरू कर दी गई है। जिसमें नेताओं ने बताया कि सरकार ने उनसे वादा किया था कि उन्हें जल्द ही स्थायी कर दिया जाएगा और इसके बाद ठेकेदारी प्रथा बंद कर दी जाएगी, लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें पांच बार मीटिंग के लिए समय दिया लेकिन वे हर बार मीटिंग में नहीं आए, इसलिए अब हमने सरकार के खिलाफ 3 दिवसीय हड़ताल शुरू की है ताकि हमारी मांगें, जो सरकार ने पहले मान ली थीं, अब लागू नहीं की जा रही हैं।
केवल हमें ही निशाने पर रखा जा रहा है। इससे जहां सरकार को भारी नुकसान होगा, वहीं निजी बस संचालकों को लाभ होगा। पीआरटीसी और पंजाब रोडवेज को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।
पटियाला पीआरटी में कच्चे कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर तीन दिन की हड़ताल पर चले गए। इस अवसर पर कर्मचारियों ने अपनी मांगें बताते हुए कहा कि अकुशल कर्मचारियों को स्थायी किया जाए तथा ठेका प्रथा बंद की जाए। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो हम तीन दिन की हड़ताल पर चले जाएंगे।
इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और राजस्थान जाने वाले यात्रियों पर पड़ा है। यद्यपि कुछ बसों का संचालन स्थायी कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन प्रत्येक डिपो से बहुत कम बसें संचालित हो रही हैं।
मंगलवार को मध्य रात्रि 12 बजे से पहले ही बसों का आवागमन कम हो गया था, क्योंकि शाम से ही लंबी दूरी की बसें बंद कर दी गई थीं। हड़ताल के कारण निजी बस ऑपरेटरों की मांग बढ़ गई है और यात्रियों को हरियाणा रोडवेज और हिमाचल बसों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। काउंटरों पर बसें कम होने के कारण यात्रियों को काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है।