Punjab News: PRTC पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने हड़ताल खत्म कर दी है। एडमिनिस्ट्रेशन और कर्मचारियों के बीच मीटिंग में जिन मांगों पर बात हुई थी, उन्हें लागू कर दिया गया है। पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया था, उन्हें छोड़ दिया गया है। किलोमीटर स्कीम के तहत बसों के टेंडर टाल दिए गए हैं और सस्पेंड किए गए कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस बुला लिया गया है।
यूनियन के मुताबिक, मैनेजमेंट ने इन मांगों पर सहमति जताई, जिसके बाद हड़ताल खत्म करने का फैसला किया गया। हड़ताल के दौरान पुलिस ने कई कर्मचारियों को हिरासत में लिया और उन पर 307 जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज किए। इस बीच, मैनेजमेंट ने तानाशाही भरे निर्देश जारी किए कि विरोध प्रदर्शन में शामिल कर्मचारियों पर डिपार्टमेंटल कार्रवाई होगी और उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा।
पांच दिनों से डिपो पर खड़ी हैं 1,600 बसें
गौरतलब है कि राज्य भर के अलग-अलग डिपो पर पांच दिनों से करीब 1,600 बसें खड़ी हैं। रोडवेज, पनबस और PRTC कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के नेताओं ने सरकार से मुलाकात की, लेकिन कर्मचारी काम पर नहीं लौटे। कर्मचारियों और सरकार के बीच हुई मीटिंग में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके चलते यूनियन ने हड़ताल खत्म करने से साफ इनकार कर दिया। चल रही हड़ताल की वजह से रोज़ाना आने-जाने वालों को सबसे ज़्यादा परेशानी हुई।
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कई ज़िलों में कर्मचारी पानी की टंकियों पर चढ़े
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने सर्विस रेगुलर करने और किलोमीटर स्कीम के तहत प्राइवेट बसें किराए पर लेने के लिए सरकार की तरफ से जारी टेंडर को कैंसिल करने की मांग को लेकर हड़ताल शुरू की थी। हड़ताल के पहले दिन पूरे राज्य में कर्मचारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। उस दिन कई ज़िलों में कर्मचारी पेट्रोल की बोतलें लेकर पानी की टंकियों पर चढ़ गए और अभी तक नीचे नहीं उतरे हैं। कल यूनियन नेताओं और सरकार के बीच सात घंटे की मीटिंग हुई, जिसके बाद सरकार ने हड़ताल खत्म करने की बात कही।

