Punjab News: राज्य में शहरी विकास की योजना बनाने और उसे सुव्यवस्थित करने तथा निर्माण नियमों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने शहरों के लिए एकीकृत भवन नियमावली तैयार करने का निर्णय लिया है।
यहां पंजाब भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि इस निर्णय से शहरवासियों और अन्य हितधारकों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। उन्होंने बताया कि इन उपनियमों का प्रारूप आधिकारिक वेबसाइट www.puda.gov.in तथा www.enaksha.lgpunjab.gov.in पर अपलोड कर दिया गया है, ताकि लोगों से सुझाव लिए जा सकें। उन्होंने राज्य के निवासियों से 30 दिनों के भीतर अपने सुझाव देने को कहा।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने शहरों में भविष्योन्मुखी और एक समान भवन बनाने के लिए एकीकृत भवन उपनियम बनाने के लिए जनता से परामर्श लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि ये उपनियम लोगों से परामर्श और सुझाव लेकर तैयार किये जा रहे हैं।
लड़कों ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार का मुख्य एजेंडा राज्य के निवासियों को आसान, सुविधाजनक और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पंजाब में भवन निर्माण नियम सबसे जटिल और कठिन मुद्दा है, जिसके संबंध में लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि उपनियम निर्माण प्रक्रिया में डेवलपर्स, आर्किटेक्ट्स, इंजीनियरों जैसे विभिन्न हितधारकों को शामिल करके यह सुनिश्चित करना संभव होगा कि उपनियम उनकी आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को पूरा करें।
उन्होंने कहा कि इन भवन निर्माण उपनियमों को लागू करने से पंजाब देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां सरल भवन निर्माण उपनियम होंगे और कारोबार करने में आसानी होगी, जिससे सतत शहरीकरण और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
एकीकृत भवन उपनियम बनाने के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए श्री हरदीप सिंह मुंडियन ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया जा रहा है। पंजाब में सभी विकास प्राधिकरणों और निगमों में भवन उपनियमों को एकीकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उपनियमों को लोगों के अनुकूल, समझने में आसान और पालन करने में आसान बनाया गया है।
कैबिनेट मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नए लागू किए गए उपनियमों से लालफीताशाही कम हुई है और अनावश्यक नौकरशाही बाधाएं समाप्त हुई हैं, जिससे व्यापार करने में आसानी हुई है। इसी प्रकार, टिकाऊ शहरीकरण को प्रोत्साहित किया गया है और पर्यावरण के अनुकूल तथा भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप विकास के तरीकों को बढ़ावा दिया गया है।