Thursday, November 20, 2025
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Punjab News: मान सरकार ने फ्री पैड बांटने पर ₹54 करोड़ खर्च किए

Punjab News: आज पंजाब की लाखों महिलाओं के चेहरों पर जो राहत और आत्मविश्वास है, वह मुख्यमंत्री भगवंत मान की सच्ची लीडरशिप का सबूत है। ‘नई दिशा’ स्कीम सिर्फ़ सैनिटरी पैड बांटने की सरकारी स्कीम नहीं है, बल्कि पंजाब की बेटियों के सम्मान, सेहत और इज्ज़त को सबसे ज़्यादा प्राथमिकता देने का वादा है।

इस स्कीम ने दो बड़े मोर्चों पर जीत हासिल की है, पिछली कांग्रेस सरकार की खराब क्वालिटी को खत्म किया है और देश के कई दूसरे बड़े राज्यों के मुकाबले हेल्थ डिलीवरी में पंजाब को एक रोल मॉडल के तौर पर स्थापित किया है।

पिछली कांग्रेस सरकार की ‘उड़ान’ स्कीम पर सालाना करीब ₹40.55 करोड़ खर्च होते थे। हालांकि, वह साफ कह रही हैं कि पिछली कांग्रेस सरकार की ‘उड़ान’ स्कीम (जिस पर सालाना करीब ₹40.55 करोड़ खर्च होते थे) के तहत दिए गए पैड घटिया, बदबूदार और फैलने वाले थे। यह पैसा कागज़ों पर खर्च हो गया, जबकि महिलाओं को सिर्फ़ परेशानी और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी।

माननीय सरकार ने इस बेइज्ज़ती को तुरंत वापस ले लिया। ‘नई दिशा’ स्कीम में ₹53 करोड़ का बड़ा इन्वेस्टमेंट किया गया है, जो न सिर्फ़ बड़े बजट बल्कि बड़े इरादों को भी दिखाता है। इस बड़े इन्वेस्टमेंट की वजह से महिलाओं को बढ़िया क्वालिटी के, मुलायम, सुरक्षित और 100% बायोडिग्रेडेबल (एनवायरनमेंट-फ्रेंडली) पैड मिल रहे हैं। गारंटीड डिलीवरी के तहत, 13.65 लाख महिलाओं को हर महीने 9 नैपकिन की रेगुलर सप्लाई मिली है। इसके अलावा, मोबाइल ऐप और डैशबोर्ड के ज़रिए डिस्ट्रीब्यूशन की रियल-टाइम मॉनिटरिंग से डिजिटल ट्रांसपेरेंसी पक्की होती है, जिससे चोरी या गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहती। महिलाएं जानती हैं कि बढ़ा हुआ बजट सिर्फ़ एक खर्च नहीं है; यह उनकी सेहत और इज्ज़त में सीधा इन्वेस्टमेंट है।

दूसरे बड़े राज्यों के मुकाबले, पंजाब ने एक मज़बूत, सुव्यवस्थित और भरोसेमंद मॉडल बनाया है। जहाँ उत्तर प्रदेश में कपड़ों के कंजम्प्शन और सप्लाई में रुकावटें ज़्यादा हैं, और बिहार/झारखंड में सैनिटेशन रेट सबसे कम और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क कमज़ोर है, वहीं पंजाब अपने 27,313 आंगनवाड़ी सेंटर्स के मज़बूत नेटवर्क के ज़रिए 13.65 लाख बेनिफिशियरीज़ को ज़्यादा कवरेज और हर महीने डिलीवरी पक्का कर रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में स्टॉक खत्म होना और गांव तक पहुंच की कमी बड़ी समस्याएं रही हैं, वहीं पंजाब में डिजिटल मॉनिटरिंग ने स्टॉक खत्म होने की समस्या को खत्म कर दिया है और हर महीने लगातार डिलीवरी पक्की की है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में स्कीमों को एक जैसा लागू नहीं करने के उलट, पंजाब की स्कीम स्ट्रक्चर्ड, एक जैसी है और कैबिनेट की मंज़ूरी से क्वालिटी-चेक की गई है।

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पंजाब अब हेल्थ और एम्पावरमेंट में नेशनल लीडर बन गया है। जिन राज्यों में लाखों महिलाएं आज भी शर्म और इंफेक्शन के डर में जी रही हैं, वहीं पंजाब की महिलाएं कॉन्फिडेंस और सेफ्टी के साथ काम पर जा रही हैं।

गांव की गुरप्रीत कौर कहती हैं, “शुरुआती महीनों में काम पर जाना मुश्किल था। हमारे पास पैसे नहीं थे, और हमें शर्म आती थी। अब, आंगनवाड़ी दीदी हर महीने हमारे घर आती हैं और हमें पैड देती हैं। मान साहब ने हमारी छोटी सी प्रॉब्लम को समझा और हमारी इज्ज़त वापस दिलाई।”

‘नई दिशा’ सिर्फ एक हेल्थ स्कीम नहीं है। यह मान सरकार के अच्छे शासन, ट्रांसपेरेंसी और महिलाओं के लिए सच्चे सम्मान का सबूत है। यह स्कीम दिखाती है कि जब इरादे साफ हों, तो सरकारी स्कीम लाखों लोगों की ज़िंदगी बदल सकती हैं।

पंजाब की हर महिला और बेटी आज गर्व से कह रही है: मान सरकार ने हमें सिर्फ़ सुविधाएँ ही नहीं, बल्कि सुरक्षा, सम्मान और तरक्की की ‘नई दिशा’ दी है। यही पंजाब मॉडल की असली ताकत है, जिसने इसे देश के दूसरे राज्यों से मीलों आगे खड़ा कर दिया है!

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