Tuesday, December 2, 2025
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Punjab News: सोसाइटी रजिस्ट्रेशन (पंजाब अमेंडमेंट) एक्ट 2025 के ज़रिए हुए बड़े सुधार

Punjab News: पंजाब में चल रही सोसायटियों के काम में ट्रांसपेरेंसी और अकाउंटेबिलिटी पक्का करके उनकी एफिशिएंसी बढ़ाने के मकसद से एक बड़े एडमिनिस्ट्रेटिव सुधार के तहत, AAP के नेशनल कन्वीनर अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की दूर की सोच वाली लीडरशिप में पंजाब सरकार ने 1860 के पुराने सोसाइटीज़ एक्ट में बदलाव करके सोसाइटीज़ रजिस्ट्रेशन (पंजाब अमेंडमेंट) एक्ट, 2025 पेश किया है।

कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने कहा कि नया कानून इन सोसायटियों, खासकर हेल्थ, एजुकेशन, स्पोर्ट्स, सोशल वेलफेयर और चैरिटेबल एक्टिविटीज़ में शामिल सोसायटियों को कंट्रोल करने वाले रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को मॉडर्न बनाता है। ये बदलाव सभी सोसायटियों को एक जैसा, ट्रांसपेरेंट गवर्नेंस के तहत लाकर पब्लिक फंड और टैक्स-फ्री रिसोर्स का जिम्मेदारी से इस्तेमाल पक्का करते हैं।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब में सभी रजिस्टर्ड सोसायटियों को अब ज़रूरी तौर पर राइट टू इन्फॉर्मेशन (RTI) एक्ट के तहत कवर किया जाएगा, जिससे ट्रांसपेरेंसी पक्का करके लोगों का भरोसा और मज़बूत होगा। रजिस्ट्रार को सोसायटियों से कोई भी जानकारी या रिकॉर्ड मांगने का अधिकार दिया गया है ताकि यह पक्का किया जा सके कि सोसायटियां कानून का पालन कर रही हैं और फंड का गलत इस्तेमाल या तय मकसद से भटकाव को रोका जा सके।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इसके अलावा, सभी सोसाइटियों को हर पाँच साल में अपना रजिस्ट्रेशन रिन्यू करवाना होगा ताकि वे एक्टिव रूप से काम कर सकें, सही और सही रिकॉर्ड रख सकें और उनके मकसद और मैनेजमेंट का समय-समय पर वेरिफिकेशन हो सके। पंजाब में सभी मौजूदा सोसाइटियों को बदला हुआ एक्ट लागू होने के एक साल के अंदर एक्ट के तहत फिर से रजिस्टर कराना होगा, जिससे वे नए कम्प्लायंस और ट्रांसपेरेंसी फ्रेमवर्क के तहत आ सकेंगी।

उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकार क्षेत्र में एक ही नाम से एक से ज़्यादा सोसाइटियाँ रजिस्टर नहीं होंगी क्योंकि इससे जनता गुमराह हो सकती है। किसी भी सोसाइटी को रजिस्ट्रार की पहले से मंज़ूरी के बिना अचल संपत्ति बेचने, ट्रांसफर करने या बेचने की इजाज़त नहीं है, जिससे बिना इजाज़त के लेन-देन को रोका जा सकेगा और साथ ही सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा भी पक्की होगी।

उन्होंने कहा कि सोसाइटियों की निगरानी उन इलाकों के डिप्टी कमिश्नर (DC) करेंगे जहाँ सोसाइटियाँ रजिस्टर्ड हैं। शिकायतों के मामले में, डिप्टी कमिश्नर को तहसीलदार रैंक के अधिकारी के ज़रिए जाँच का आदेश देने का अधिकार दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई कमी पाई जाती है और उसे तय समय में ठीक नहीं किया जाता है, तो SDM लेवल का मैनेजर अपॉइंट किया जाना चाहिए और कामकाज को ठीक से शुरू किया जाना चाहिए। इससे अच्छा शासन और जवाबदेही बढ़ेगी।

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उन्होंने आगे कहा कि अगर चुनी हुई मैनेजिंग कमेटी को भंग कर दिया जाता है या मैनेजर अपॉइंट किया जाता है, तो छह महीने के अंदर नए चुनाव होने चाहिए, जिससे सोसाइटियों का डेमोक्रेटिक कामकाज सुनिश्चित हो सके।

मंत्री अरोड़ा ने कहा कि कई चैरिटेबल ऑर्गनाइज़ेशन को सोसाइटी के तौर पर रजिस्टर करके इनकम टैक्स में फ़ायदा मिलता है। यह एक्ट यह पक्का करता है कि ऐसे ऑर्गनाइज़ेशन इन छूटों को जारी रखने के लिए संबंधित नियमों का सख्ती से पालन करें ताकि पब्लिक और चैरिटेबल ऑर्गनाइज़ेशन की सुरक्षा हो सके।

उन्होंने कहा कि इन बदलावों से खास तौर पर हेल्थ सर्विस, एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूशन और दूसरी लोगों के फ़ायदे वाली चैरिटेबल एक्टिविटी में शामिल सोसाइटियों की मॉनिटरिंग बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का मकसद सोशल स्ट्रक्चर का गलत इस्तेमाल रोकना, डेमोक्रेटिक और ट्रांसपेरेंट कामकाज सुनिश्चित करना और साथ ही पब्लिक एसेट्स और चैरिटेबल रिसोर्स की सुरक्षा करना है। उन्होंने आगे कहा कि सोसाइटी रजिस्ट्रेशन (पंजाब अमेंडमेंट) एक्ट, 2025 मुख्य सोशल सेक्टर में बेहतर कामकाज सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने बताया कि इस एक्ट का ड्राफ्ट इंडस्ट्रीज़ एंड कॉमर्स डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी के.के. यादव, डायरेक्टर इंडस्ट्रीज़ सौरभ मलिक और पंजाब डेवलपमेंट कमीशन की वाइस चेयरपर्सन सीमा बंसल की लीडरशिप वाली टीम ने टाइम बाउंड तरीके से तैयार किया है।

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