Punjab News: पंजाब सरकार ने अनुपस्थिति के मामलों में कार्रवाई के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में वित्त विभाग ने पत्र जारी कर कहा है कि लंबे समय से अनुपस्थित कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण करने के लिए सक्षम अधिकारी की स्वीकृति लेना आवश्यक होगा। यह भी कहा गया है कि यदि कोई कर्मचारी बिना स्वीकृत अवकाश के एक वर्ष तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है तो उसे सरकारी सेवा से त्यागपत्र देने वाला माना जाएगा।
ऐसे मामलों में संबंधित कर्मचारी को सरकारी सेवा में पुनः नियोजित नहीं किया जाएगा तथा संबंधित प्राधिकृत अधिकारी द्वारा उसे सरकारी सेवा से मुक्त करने की तत्काल कार्रवाई की जाएगी। ये दिशानिर्देश पंजाब सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 1970 के अंतर्गत लागू होंगे तथा इनका उल्लंघन करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यह आदेश कर्मचारियों को अनुशासन में रहने तथा सरकारी सेवा के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने का स्पष्ट संदेश देता है। इस संबंध में वित्त विभाग ने चेतावनी दी है कि कुछ विभाग अनुपस्थित कर्मचारियों के विरुद्ध समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, जबकि उक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा कई कार्यालयों में बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के अनुपस्थिति के मामलों में कर्मचारियों को पुनः काम पर रखा जा रहा है, जो नियमों का उल्लंघन है।
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नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी अधिकृत अवकाश से अधिक अवधि तक अनुपस्थित रहता है, तो उसकी उपस्थिति रिपोर्ट प्रशासनिक विभाग और वित्त विभाग से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही स्वीकृत की जाएगी। इसके साथ ही यह स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारी की उपस्थिति रिपोर्ट विभागाध्यक्ष या संबंधित अधिकारी की मंजूरी के बाद ही स्वीकृत की जा सकेगी।
यदि किसी अनुपस्थित कर्मचारी की उपस्थिति रिपोर्ट विभागाध्यक्ष या अन्य अधिकारियों द्वारा स्वीकार कर ली जाती है तो संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा तथा संबंधित कर्मचारी को दिया गया वेतन या अन्य लाभ भी संबंधित अधिकारी से वसूल किया जाएगा।