Punjab News: राष्ट्रीय मत्स्यपालक दिवस के अवसर पर पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास एवं मत्स्यपालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने कहा कि राज्य में मत्स्यपालन क्षेत्र लगातार फल-फूल रहा है और राज्य में प्राकृतिक जल स्रोतों, निजी तालाबों और पोखरों से प्रतिवर्ष 2 लाख मीट्रिक टन मछली का उत्पादन हो रहा है। मत्स्य पालन क्षेत्र की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए, श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि वर्तमान में पंजाब में 43,683 एकड़ से अधिक भूमि पर मछली पालन किया जा रहा है और लगभग 985 एकड़ भूमि पर झींगा पालन किया जा रहा है, जो राज्य में जलीय कृषि के बढ़ते रुझान को दर्शाता है।
उन्होंने आगे बताया कि मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए, 16 सरकारी मछली हैचरी फार्म, 11 मछली चारा मिलें और 7 प्रयोगशालाएं राज्य के किसानों की मदद के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। इसके अलावा, 637 मछली किसानों को विभिन्न मछली पालन परियोजनाओं के तहत 30.64 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है, जिसमें मछली और झींगा पालन के लिए तालाबों का निर्माण, मछली चारा मिलें, रिसर्कुलेटिंग एक्वाकल्चर सिस्टम (आरएएस), बायोफ्लोक-कल्चर सिस्टम, आइस बॉक्स सुविधाओं के साथ इंसुलेटेड वाहन, मोटरसाइकिल और ऑटो-रिक्शा शामिल हैं, जिन पर 40 से 60 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
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उन्होंने बताया कि इसके साथ ही स्वच्छ वातावरण में मछली एवं मछली उत्पादों की बिक्री के लिए 8 निजी मछली कियोस्क भी स्थापित किए गए हैं। राष्ट्रीय मछली किसान दिवस के अवसर पर राज्य के मछली किसानों को हार्दिक बधाई देते हुए, श्री गुरमीत सिंह खुडियां ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत सिंह मान के कुशल नेतृत्व में मत्स्य पालन क्षेत्र अच्छी तरह से फल-फूल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार के इन प्रयासों से मछली और झींगा प्रसंस्करण के लिए विकास के नए रास्ते खुले हैं, साथ ही मत्स्य पालन और संबद्ध उद्योगों में विकास की व्यापक संभावनाएं पैदा हुई हैं। इस प्रगति से पंजाब की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
मत्स्य पालन मंत्री ने राज्य के युवाओं से अपील की कि वे मत्स्य पालन के व्यवसाय को स्वरोजगार के एक आकर्षक अवसर के रूप में देखें तथा इस उद्यम को अपनाकर राज्य के आर्थिक विकास में भागीदार बनें।