Punjab News: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लोगों के हित में लिए जा रहे हर जनहितैषी फैसले को लोगों की सलाह से ही लागू किया जा रहा है। इस संदर्भ में लैंड पूलिंग योजना के संबंध में संबंधित गांवों के निवासियों से फीडबैक लेने तथा उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने सेक्टर 35 स्थित नगर निगम भवन में इस योजना के तहत आने वाले 164 गांवों के निवासियों के साथ विचार-विमर्श किया।
मुंडिया ने पंजाब भवन में एक पत्रकार वार्ता के दौरान ग्रामीणों के साथ हुई बैठक का ब्यौरा देते हुए बताया कि लोगों द्वारा उठाए गए सवालों का मौके पर ही जवाब दिया गया, जिससे ग्रामीण पूरी तरह संतुष्ट हैं। उन्होंने लोगों के प्रश्नों का उल्लेख करते हुए नीति की विशेषताएं समझाते हुए कहा कि जिस दिन एलओआई जारी किया गया, उसी दिन से किसान को 10 हजार रुपए प्रति माह मिलेंगे। प्रति एकड़ 50,000 रुपये मिलेंगे और किसान अपनी जमीन पर खेती भी जारी रख सकेगा।
भूमि मालिक द्वारा आवेदन के 21 दिनों के भीतर आशय पत्र (एलओआई) जारी किया जाएगा। और आपको 50 हजार रुपए नकद मिलेंगे। जिस दिन सरकार कब्जा लेगी, उसी दिन से एक लाख रुपये प्रति एकड़ का अनुबंध मूल्य शुरू हो जाएगा और अगर सरकार दो या तीन साल का समय लेती है, तो अनुबंध मूल्य में हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। लड़कों ने कहा कि आज की बैठक में लोगों की शंकाओं का समाधान हुआ और लोगों ने इस योजना का समर्थन किया। उन्होंने अन्य गांवों के निवासियों से भी विपक्ष के भ्रामक प्रचार से सावधान रहने की अपील की।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि भविष्य में भी सरकार संबंधित गांवों के किसानों के साथ बैठकें करेगी। लैंड पूलिंग योजना के तहत किसानों को आवासीय और व्यावसायिक भूखंड मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा दिया, जिससे शहरों का अनियोजित विकास हुआ, जबकि कॉलोनीवासी बुनियादी सुविधाओं से वंचित रहे। नई योजना के तहत नियोजित कॉलोनियों में व्यावसायिक संपत्तियां किसानों के लिए आय का स्थायी स्रोत बन जाएंगी।
मुंडिया ने कहा कि नई और प्रगतिशील भूमि पूलिंग योजना, जो नियोजित विकास को प्राथमिकता देती है, भी लोकप्रिय है, जिसका विपक्षी दल अपने संकीर्ण राजनीतिक हितों को उजागर करने के लिए प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लैंड पूलिंग योजना के तहत जबरन भूमि अधिग्रहण नहीं किया जाएगा, बल्कि किसानों की सहमति से निर्णय लिया जाएगा, जिससे प्रदेश के किसानों को लाभ मिलेगा। इस नीति के तहत केवल उन्हीं किसानों की जमीन ली जाएगी जो इससे सहमत होंगे।