Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी से राज्य से अनाज (चावल और गेहूं) के उठान में तेजी लाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की, ताकि आने वाले समय में अनाज की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद और भंडारण सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने मंत्री जोशी से उनके आवास पर मुलाकात की और बताया कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे रबी विपणन सीजन 2025-26 के दौरान राज्य में 124 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले फसल सीजन का भी लगभग पांच लाख मीट्रिक टन गेहूं राज्य में स्टॉक हो चुका है, जिसके कारण राज्य को लगभग 129 लाख मीट्रिक टन गेहूं के भंडारण की व्यवस्था करनी पड़ रही है। भगवंत मान ने कहा कि भंडारण स्थान की भारी कमी है और एजेंसियों के पास उपलब्ध अधिकांश कवर्ड स्थान का उपयोग चावल भंडारण के लिए किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भंडारण स्थान की कमी से निपटने के लिए कम से कम 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की सीधी डिलीवरी के लिए विशेष रेलगाड़ियों की आवश्यकता होगी। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया ताकि विशेष रेलगाड़ियों के माध्यम से प्राथमिकता के आधार पर गेहूं भेजा जा सके। भगवंत सिंह मान ने कहा कि चावल के लिए जगह की कमी के कारण एफसीआई द्वारा अब तक केवल 45 प्रतिशत चावल की खरीद की गई है, जबकि मिलिंग की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2025 है।
मुख्यमंत्री ने स्थिति से निपटने के लिए प्रहलाद जोशी से बैठक की तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि अभी तक एफसीआई के पास 7.50 लाख मीट्रिक टन चावल रखने की जगह उपलब्ध है, जबकि कुल 71.50 लाख मीट्रिक टन चावल की डिलीवरी होनी बाकी है। भगवंत मान ने एफसीआई से खरीफ सीजन 2024-25 की चावल मिलिंग समय पर पूरी करने की अपील की। सरकार को राज्य से चावल के अधिकतम परिवहन की अनुमति देनी चाहिए।
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साइलोज में गेहूं की खरीद के लिए आढ़तियों के कमीशन में कटौती का मुद्दा उठाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आढ़तियों को अन्य मंडियों के समान कमीशन भुगतान करने के मुद्दे पर खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार के साथ विभिन्न बैठकों में चर्चा की गई तथा यह भी बताया गया कि यदि साइलोज में गेहूं की खरीद के लिए आढ़तियों को नियमित मंडियों में होने वाली खरीद के बराबर कमीशन दिया जाए तो इससे मंडी को श्रम व परिवहन लागत में बचत होगी। इसलिए उन्होंने अनुरोध किया कि साइलो में एजेंटों का कमीशन सामान्य खरीद के बराबर दिया जाए ताकि साइलो से सीधी खरीद की सुविधा प्रदान की जा सके। भगवंत सिंह मान ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि आढ़ती भी मंडी की तरह ही अलग-अलग काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रोविजनल लागत पत्र में अरतिया कमीशन पर रोक की सीमा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि अरतिया कमीशन को रबी सीजन 2020-21 की पीसीएस में शामिल किया जाएगा। खरीफ सीजन 2019-20 के लिए गेहूं और पीसीएस के लिए 46.00/क्विंटल। धान का मूल्य 25 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया। वर्ष 2011 में यह दर 45.88 रुपये प्रति क्विंटल थी और तब से यह दर लागू है तथा यह भारत सरकार द्वारा प्रत्येक लागत पत्रक में राज्य को इस दर पर धान और गेहूं की खरीद करने की अनुमति देता है।
उन्होंने बताया कि पंजाब कृषि उपज विपणन अधिनियम, 1961 और इसके तहत बनाए गए नियमों के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य (अर्थात खरीफ सीजन 2025-26 के लिए 2425 रुपए) पर 2.5 प्रतिशत आढ़ती कमीशन का प्रावधान है, जो 2425 रुपए बनता है। आगामी रबी सीजन में 60.63 रुपये प्रति क्विंटल की दर से फसल का उत्पादन होने की उम्मीद है, लेकिन आढ़ती कमीशन भारत सरकार द्वारा दिया जाता है और यह दर अभी तक अंतिम रूप से तय नहीं हुई है।