Punjab News: पंजाब में बिजली विभाग ने 2 नवंबर को होने वाली बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई भी अधिकारी या कर्मचारी ड्यूटी से अनुपस्थित रहता है, तो उसकी अनुपस्थिति दर्ज की जाएगी और उसे वेतन नहीं दिया जाएगा।
पीएसईबी कर्मचारी संयुक्त मंच और बिजली मुलज़म एकता मंच पंजाब ने 2 नवंबर को बिजली मंत्री संजीव अरोड़ा के घर के बाहर धरना देने की घोषणा की थी। धरना प्रदर्शन के दौरान बिजली विभाग के कई मुद्दों को उठाने की योजना थी, लेकिन विभाग ने पहले ही कार्ययोजना तैयार कर ली है।
विभाग द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, “काम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत के तहत, अनुपस्थिति की अवधि के दौरान किसी भी स्थिति में वेतन नहीं दिया जाएगा। ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों की सेवा में विराम लगाया जाए और नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।”
ये आदेश सभी बिजली मंडलों और मंडलों के मुख्य अधिकारियों को जारी किए गए हैं, ताकि धरना प्रदर्शन के दौरान सरकारी कामकाज प्रभावित न हो।
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने चेतावनी दी है कि अगर बिजली आपूर्ति पर कोई असर पड़ा तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसीलिए विभाग ने अपने अधिकारियों को आपातकालीन ड्यूटी के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।


