Punjab News: पंजाब के सबसे हाईटेक शहरों में से एक एसएएस नगर में कई जगहों पर पानी पीने योग्य नहीं है। स्वास्थ्य विभाग, मोहाली की एक रिपोर्ट से पता चला है कि जिले के विभिन्न स्वास्थ्य खंडों से एकत्र किए गए नमूनों में से 42.5 प्रतिशत पेयजल मानकों पर खरे नहीं उतरे। प्राप्त विवरण के अनुसार जनवरी 2025 से 31 मई तक कुल 459 जल नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 195 गैर-पेय/अपेय गुणवत्ता वाले थे। उन सात स्थानों से दोबारा नमूने एकत्र करने को कहा गया है जहां पानी में जीवाणु संक्रमण पाया गया था। इनमें से कुराली और घड़ूआं से 2-2 तथा बूथगढ़ के विभिन्न स्थानों से 3 नमूने एकत्रित किए गए हैं।
यह पाया गया है कि इन नमूनों में जीवाणु संक्रमण मौजूद था, जिसके सेवन से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने का खतरा बढ़ जाता है। सबसे खराब स्थिति घड़ूआं और डेराबस्सी ब्लॉकों में बताई गई है। घड़ूआं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में विभिन्न जल स्रोतों से 161 पानी के नमूने एकत्र किए गए, जिनमें से 61 पीने योग्य नहीं पाए गए। इसी प्रकार, डेराबस्सी एसडीएस के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों से पीने के पानी के 122 नमूने लिए गए, जिनमें से 46 फेल हो गए। केवल ढकौली और बनूर ही ऐसे स्थान रहे, जहां से प्राप्त 7 में से 7 नमूने पीने योग्य पाए गए।
Punjab News: आगामी धान खरीद सीजन के मद्देनजर 15 सितंबर तक समुचित व्यवस्था सुनिश्चित होगी
उल्लेखनीय है कि मोहाली में पीने योग्य पानी की समस्या पुरानी है। इससे पहले वर्ष 2024 में 538 स्थानों से पानी के नमूने प्राप्त किये गये थे, जिनमें से 243 नमूने पीने योग्य नहीं पाये गये थे। बड़ी बात यह थी कि इनमें से 100 नमूने सरकारी स्कूलों से थे। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग और जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग में बड़ा हंगामा मच गया। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने स्कूलों की टंकियों, बर्तनों और फिल्टरों की सफाई के निर्देश दिए थे। पुरानी रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि वर्ष 2024 में कुल 243 फेल पेयजल नमूनों में से 45 प्रतिशत नमूने सरकारी स्कूलों के थे और अब इस नई रिपोर्ट में 42.5 प्रतिशत पानी के नमूने स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुझाए गए मानदंडों पर खरे नहीं उतरे।
उपायुक्त व संबंधित विभागों को दी रिपोर्ट
स्वास्थ्य विभाग हर महीने पानी की गुणवत्ता व अन्य मामलों को लेकर उपायुक्त के साथ बैठक करता है। हमने इस रिपोर्ट का ब्यौरा जल स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग को दे दिया है और एक महीने बाद यहां फिर से नमूने एकत्र किए जाएंगे।