पंजाब सरकार द्वारा 2022 में 10 लाख 77 हजार राशन कार्ड रद्द करने के खिलाफ जनहित याचिका पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई है। हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इस बात पर फटकार लगाई कि जिन लोगों को पहले अयोग्य ठहराया गया था उनके कार्ड बाद में कैसे बहाल कर दिए गए।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस बारे में दो जानकारियां मांगी हैं। हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार को दिसंबर के पहले हफ्ते तक पूरी जानकारी मुहैया कराने का आदेश दिया है।
1. कैबिनेट ने किस आधार पर इन सभी कार्डों को बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया, हाईकोर्ट ने इसकी भी जानकारी मांगी है।
2. यह भी पूरी जानकारी मांगी गई है कि इन कार्डों को बहाल करने वाले अधिकारी कौन हैं।
याचिकाकर्ता अनिल कुमार तायल ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही सरकार ने राज्य के 10 लाख 77 हजार राशन कार्ड यह कहकर रद्द कर दिए थे कि ये कार्ड फर्जी हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार ने इन रद्द किए गए कार्डों को बिना किसी सत्यापन के बहाल करने का फैसला किया, जिसे याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में चुनौती दी है।
आज हाई कोर्ट ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार को दिसंबर के पहले हफ्ते तक पूरी जानकारी मुहैया कराने का आदेश दिया।