पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियन ने कहा कि पंजाब सरकार पहले ही किसानों के खिलाफ 25 दर्ज एफआईआर रद्द कर दिया गया है। उन्होंने किसान यूनियन नेताओं को और अधिक एफआईआर रद्द कराने का आश्वासन दिया।
गुरुमीत सिंह खुडियां ने पंजाब भवन में मुख्य सचिव अनुराग वर्मा, विशेष डी.जी.पी. (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) और पंजाब कृषि मजदूर यूनियन के नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य पंजाब कृषि नीति को लेकर उनकी चिंताओं को जानना और सुझाव लेना था।
इस बैठक में बी.के.यू (उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया जिसमें जोरा सिंह नसराली, लछमन सेवेवाला, झंडा सिंह जेठुके और सुखदेव सिंह कोकरी कलां शामिल थे। उन्होंने कृषि से संबंधित लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों को हल करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा तैयार की गई व्यापक पंजाब कृषि नीति की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल ने नीति में प्रस्तावित नवीन उपायों की सराहना की, जिसमें फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी प्रदान करना, किसानों, छोटे किसानों के लिए एकमुश्त ऋण निपटान की पेशकश करना और अन्य पहलों में खेत मजदूरों के लिए पेंशन योजना शुरू करना, छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष ऋण माफी शामिल है।
कृषि मंत्री ने किसान नेताओं को आश्वस्त किया कि कृषि नीति को लेकर उनके द्वारा दिये गये सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों से विचार-विमर्श के बाद जल्द ही इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
कृषि मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मनरेगा श्रमिकों की उपस्थिति के संबंध में मुद्दे को तुरंत हल करने का निर्देश देते हुए सहकारी बैंकों के ऋण चुकाने में असमर्थ किसानों के लिए एकमुश्त निपटान (ओटीएस) योजना की रूपरेखा को अंतिम रूप देने का भी निर्देश दिया।
इस बैठक में सचिव वित्त दीपर्वा लाकड़ा, कृषि आयुक्त मिस नीलिमा, पंजाब राज्य किसान एवं कृषि श्रमिक आयोग के अध्यक्ष डाॅ. सुखपाल सिंह, एआईजी इंटेलिजेंस संदीप गर्ग, कृषि निदेशक जसवन्त सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।