पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सिबिन सी ने आज ‘अपने सीईओ से बात करें’ बैनर तले आयोजित दूसरे फेसबुक लाइव सत्र के दौरान बोलते हुए, उन्होंने पंजाब के निवासियों को सलाह दी कि राज्य में लोकसभा चुनाव-2024 के लिए आदर्श चुनाव संहिता के कार्यान्वयन के मद्देनजर, यदि कोई भी व्यक्ति रु. यदि वह अपनी यात्रा के दौरान 50,000 या उससे अधिक की नकदी ले जा रहा है, तो उसे सबूत के तौर पर बैंक रसीद आदि जैसे उपयुक्त दस्तावेज रखने होंगे। इसके साथ ही व्यापारियों को ऐसी स्थिति में रसीद बुक या कोई उपयुक्त दस्तावेज अपने पास रखने की सलाह दी गई है।
सत्र के दौरान मतदाताओं के विभिन्न प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने लोगों से अपील की कि वे चुनाव संहिता के किसी भी उल्लंघन की रिपोर्ट सी-विजिल ऐप, टोल-फ्री नंबर 1950 और भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत सेवा पोर्टल (एनजीपीएस) पर अवश्य करें। का उपयोग किया जाए ताकि निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित किया जा सके।
मतदान केंद्रों पर मोबाइल फोन ले जाने के संबंध में एक सवाल के जवाब में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग चुनाव के दिन मतदान केंद्रों के अंदर मोबाइल फोन या ऐसे किसी भी उपकरण को ले जाने पर सख्ती से रोक लगाता है।
राजनीतिक दलों द्वारा किये जा रहे प्रचार-प्रसार के बारे में पूछे गये एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सिबिन सी ने कहा कि राज्य में आदर्श चुनाव व्यवस्था लागू होने तक फ्लेक्स बोर्ड एवं होर्डिंग्स जिला निर्वाचन पदाधिकारी अथवा कार्यालय के अनुमोदन के बाद ही निर्धारित स्थानों पर लगाये जायेंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा कि कोई भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकता क्योंकि यह आदर्श चुनाव संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने लोगों से सी-विजिल ऐप के माध्यम से ऐसे उल्लंघनों की तुरंत रिपोर्ट करने का आग्रह किया और आश्वासन दिया कि उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ संबंधित कार्यालय द्वारा 100 मिनट के भीतर कार्रवाई की जाएगी।
इसी बीच एक यूजर ने घर के पास महिला स्टाफ तैनात करने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी को धन्यवाद भी दिया। सिबिन सी ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए इस बार उनके घरों के पास स्थित मतदान केंद्रों पर महिला कर्मचारियों की तैनाती पर विशेष ध्यान दिया गया है।
सरकारी कर्मचारियों द्वारा किसी राजनीतिक दल या नेता के लिए चुनाव प्रचार करने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी राजनीतिक दलों के लिए प्रचार नहीं कर सकता और ऐसे किसी भी मामले में उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी दर्ज कर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।