रोहतक। रोहतक सहित पूरे प्रदेश में केंद्र सरकार के नए कानून हिट एंड रन के खिलाफ नए साल के पहले दिन ट्रांसपोर्टरों, किसान संगठनों व विभिन्न संगठनों के आह्वान पर हड़ताल का एलान किया गया था जिसका सोमवार को नए साल पहले के पहले दिन मिला जुला असर देखने को मिला। चालकों ने बस स्टैंड परिसर में धरने पर बैठ कर कानून को रद्द करवाने की मांग उठाई। चालकों ने चेतावनी दी कि जब तक कानून वापस नहीं होगा, तब तक विरोध जारी रहेगा।
हड़ताल का अधिक असर नहीं
हड़ताल के चलते ट्रक व अन्य कॉमर्शियल वाहन चालकों ने अपने वाहन खड़े कर कानूनों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया तो निजी बस ऑपरेटरों पर अधिक असर देखने को नहीं मिला। सुबह कानूनों के खिलाफ बसों को खड़ी कर बस अड्डों पर विरोध किया तथा दिन चढ़ने के साथ एक एक बर बसों ने रोड पर दौड़ना शुरू कर दिया। दोपहर होते होते कई जिलों में बसों रोड पर उतर चुकी थी तो कुछ स्थानों पर बसों के पहिए भी थमे रहे। ट्रांसपोर्टरों को किसान संगठनों व विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिला, परंतु अधिक हड़ताल अधिक असर नहीं छोड़ पाई।
कुछ जगहों पर यात्रियों को हुई परेशानी
जानकारी के अनुसार सुबह ट्रांसपोर्टरों के समर्थन में निजी बस ऑपरेटरों ने भी बसें खड़ी कर हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की, परंतु दिन चढ़ने के साथ एक एक कर बसों को रोड पर निकालना शुरू कर दिया। दोपहर होते हुए किसान संगठनों के प्रभुवत वाले कुछ जिलों को छोड़कर प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में अधिकतर प्राइवेट बसें रोड पर उतर चुकी थी। सुबह प्राइवेट बसों की हड़ताल के चलते यात्रियों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा। ट्रांसपोर्टर व ट्रक ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते माल की चेन सप्लाई पर भी कुछ असर देखने को मिला।
अब आसान नहीं होगा बच पाना
केंद्र सरकार ने नए कानूनों में एक्सीटेंड की धारा में व्यापक बदलाव किया है। नए कानून में एक्सीडेंट के बाद घायल को अस्पताल पहुचने वाले वाहन चालकों को राहत दी गई है। जबकि एक्सीडेंट कर मौके से फरार होने वाले वाहन चालकों के खिलाफ घायल की सेहत के अनुसार ही कार्रवाई होगी। जिससे हिट एंड रन में वाहन चालकों को बच पाना आसान नहीं होगा। कुछ किसान संगठन व ट्रांसपोर्टर सरकार के हिट एंड रन कानून का विरोध कर रहे हैं।
चालकों के लिए काला कानून
आम आदमी के प्रदेश प्रवक्ता एवं किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज राठी ने कहा कि केंद्र के कानून जनविरोधी है तथा इससे चालकों का रोजगार खत्म हो जाएगा। नए कानून में एक्सीडेंट कर भागने वालों चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है। हादसे के बाद चालक दुर्घटना से डरकर नहीं, बल्कि मौके की परिस्थितियों को देखकर भागते हैं, ताकि वह भीड़ का शिकार न हो। नए कानून में चालकों के लिए एक तरफ खाई तो दूसरी तरफ कुआं है। जिसका देशभर में विरोध किया जा रहा है।
निजी बस संचालकों का कहना है कि सरकार ने जो यह नया कानून बनाया है, यह सरासर गलत बनाया गया है। इसे केंद्र सरकार जल्द ही वापस ले। बताया कि तीन दिन की हड़ताल के बाद आगे भी फैसला लिया जाएगा। कहा कि सरकार के मंत्री और अन्य नेता स्वयं गाड़ियां चलाकर देखें तो उन्हें चालकों की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। उन्होंने हरियाणा रोडवेज के चालकों से भी उनकी इस हड़ताल में सहयोग करने की अपील की है।