हरियाणा के वन, पर्यावरण एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाए और इसके लिए सौर ऊर्जा संचालित नलकूप लगाए जाए। उन्होंने कहा कि पेड़ लगाने का टारगेट नहीं होना चाहिए बल्कि बचाने का टारगेट होना चाहिए।
राव नरबीर सिंह आज वन विभाग के अधिकारियों के साथ आगामी वन महोत्सव को लेकर बुलाई गई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पौधा रोपण में एनजीओ औद्योगिक घरानों तथा आरडब्ल्यूए का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। एनसीआर में उद्योगों को सीएसआर के तहत पौधारोपण पार्क चौराहों के रख-रखाव के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि एचएसआईआईडीसी, एचएसवीपी व अन्य विभागों की खाली पड़ी जमीन पर कूड़ा-करकट न हो। इसके स्थान पर पेड़ लगाए जाने चाहिए। इससे शहरों में आक्सीवन परियोजना को भी बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि नहरों, रजवाहों व अन्य जल स्त्रोतों के दोनों ओर भी पौधारोपण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा जहां—जहां क्रैशर जोन है वहां भी छायादार पेड़ लगाए जाने चाहिए। नीम, बरगद, पीपल की त्रिवेणी के साथ-साथ गुलमोहर, अमलताश व कदम के पेड़ भी लगाए जाने चाहिए। सभी पेड़ों की जिओ मेपिंग की जानी चाहिए।
उन्होंने लोगों से अपील की कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए चलाए गए अभियान ‘एक पेड़ मां के नाम’ में बढ़चढ़ कर भाग लें और जन्मदिवस, सालगिराह व माता-पिता के जन्मदिवस पर पौधारोपण अवश्य करें और उनकी कम से कम तीन-चार साल देखभाल करेंगे जब तक वह जड़ न पकड़ लें।