रोहतक। PGI रोहतक को नए साल पर ई-रिक्शा की सौगात मिलने जा रही है। दरअसल रोहतक पीजीआई प्रशासन ने परिसर में जरूरमंद मरीजों के लिए ई-रिक्शा चलाने का निर्णय लिया है। पहले तीन ई-रिक्शा चलाकर नई व्यवस्था की शुरुआत की जाएगी।अब व्हीलचेयर और स्ट्रेचर पर आते-जाते हुए मरीज ही दिखाई देते हैं। अब जल्द ही ई-रिक्शा से एक स्थान से दूसरे स्थान तक मरीज आते-जाते दिखाई देंगे।
बता दें कि पीजीआई परिसर की एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग में ले जाने के लिए अक्सर 20 से 30 मिनट तक का समय लगता है। क्योंकि इसे धकेलने वाले भी मरीज के तीमारदार या फिर कर्मचारी होते हैं। कई बार गंभीर बीमार व्यक्ति की जान को खतरा हो जाता है। इसके अलावा, रास्ते में ले जाते समय हालत अधिक बिगड़ने की स्थिति भी बन जाती है। इसलिए 3 ई-रिक्शा का प्रबंध कर लिया है। खास बात यह है कि एक साथ 4 से 6 मरीजों तक एकसाथ ले जाया जा सकेगा। यह पीजीआई में सुरक्षित पहुंचने वाली है। फिर मरीजों को एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक मिनटों में ले जाया जा सकेगा।
ओपीडी ब्लॉक में रोजाना करीब 8,000 मरीज आते हैं। उनमें से कुछ को लंबी अवधि के लिए भर्ती रहना पड़ता है जबकि कई अन्य को रक्त जांच और अन्य उद्देश्यों के लिए अन्य ब्लॉकों में जाना पड़ता है। चूंकि परिसर में कोई परिवहन सुविधा नहीं है, इसलिए तीमारदारों को मरीजों को उनके वार्ड तक लाने और ले जाने के लिए स्ट्रेचर और व्हीलचेयर का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। कई बार मरीजों को वार्डों और अन्य ब्लॉकों तक पैदल भी जाना पड़ता है।
वहीँ पीजीआई में ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी के अलावा वार्डों से भी रोजाना औसतन 1500 से 2000 मरीजों को शिफ्ट किया जाता है। अभी तक इन्हें स्ट्रेचर और व्हीलचेयर से ही शिफ्ट किया जाता रहा है, जबकि ट्रॉमा सेंटर से वार्डों की दूसरी 300 से 500 मीटर तक हो जाती है। अगर घूमकर जाना पड़ जाए तो फिर इससे अधिक दूरी भी तय करनी पड़ जाती है। खासकर, मरीज की अलग-अलग जगह जांच कराने में दूरी और समय दोनों अधिक हो जाते हैं। ऐसे में ई-रिक्शा मरीजों के लिए बेहतर विकल्प बनेंगी।
पीजीआई के डॉ. कुंदन मित्तल ने कहा कि पीजीआईएमएस परिसर में मरीजों के लिए ई-रिक्शा का प्रबंध लगभग कर लिया है। धीरे -धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। इस सेवा के पहले चरण के तहत ओपीडी ब्लॉक में तीन ई-रिक्शा उपलब्ध कराए जाएंगे। रिक्शा एक समय में छह मरीजों को ले जाएगा और यह सेवा सुबह 8.45 बजे से दोपहर 3 बजे तक उपलब्ध रहेगी। चूंकि ई-रिक्शा पहले ही सामाजिक संगठनों द्वारा दान किए जा चुके हैं, इसलिए सेवा जल्द ही शुरू की जाएगी। एक जनवरी से इसकी शुरुआत की जाएगी। यह परिसर की सभी जगहों जा सकेंगी, ताकि मरीजों को बेहद लाभ मिलेगा।