Sunday, May 19, 2024
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हरियाणा के निर्वाचन क्षेत्रों को SGPC चुनाव से हटाने की याचिका दायर, हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

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चंडीगढ़। हरियाणा के निर्वाचन क्षेत्रों को SGPC चुनाव से हटाने की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। बुधवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने केंद्र समेत, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल सरकार व एसजीपीसी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। याचिका में दलील दी गई है कि हरियाणा के लिए अलग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन किया जा चुका है, ऐसे में प्रदेश के निर्वाचन क्षेत्रों को एसजीपीसी से बाहर किया जाना चाहिए। अमृतसर निवासी बलदेव सिंह सिरसा ने याचिका दाखिल करते हुए 20 अप्रैल 1996 की अधिसूचना और उसके बाद 17 सितंबर 2009 की अधिसूचना को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है।

याची ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा (प्रबंधन) अधिनियम 2014 प्रदेश में प्रभावी हो चुका है और इस पर सुप्रीम कोर्ट भी मोहर लगा चुका है। ऐसे में हरियाणा में मौजूद निर्वाचन क्षेत्रों को एसजीपीसी के चुनाव से हटाया जाए और चुनाव के लिए नए सिरे से निर्वाचन क्षेत्रों को अधिसूचित किया जाए। 20 अप्रैल 1996 की अधिसूचना के माध्यम से सिख गुरुद्वारा अधिनियम 1925 की धारा 44 (1) के तहत प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने 120 निर्वाचन क्षेत्रों को अधिसूचित किया था, जिनमें से आठ निर्वाचन क्षेत्र हरियाणा राज्य से संबंधित हैं।

इन निर्वाचन क्षेत्रों में अंबाला (पंचकूला जिला सहित), यमुनानगर (नारायणगढ़ और बराड़ा तहसील सहित), कुरुक्षेत्र, करनाल (महम तहसील को छोड़कर पानीपत, सोनीपत और रोहतक सहित), कैथल (जींद, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुडगांव, फरीदाबाद और रोहतक जिले की महम तहसील शामिल हैं), हिसार, सिरसा और सिरसा की डबवाली तहसील शामिल हैं। याचिकाकर्ता ने इन निर्वाचन क्षेत्रों को एसजीपीसी चुनावों के लिए निर्वाचन क्षेत्रों की सूची से बाहर करने के निर्देश देने की मांग की है।

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