Monday, May 20, 2024
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रोहतक के सभी वार्डों में दूषित पेयजल सप्लाई से लोग परेशान, जाँच कर सीएम को भेजी जाएगी सैम्पल की रिपोर्ट

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सीएम मनोहर लाल ने जनता की इस शिकायत पर संज्ञान लिया है और उन्होंने सभी 22 वार्डों में पेयजल सप्लाई के हर 15 दिन बाद सैम्पल लेकर जाँच करने के आदेश दिए हैं।

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रोहतक। रोहतक शहर में लगभग सभी वार्डों में लोग दूषित पानी की सप्लाई से जनता परेशान हो चुकी हैं। जन स्वास्थ्य विभाग में लोग शिकायतें कर हार चुके हैं लेकिन कभी कोई सुनवाई नहीं होती। लेकिन अब गंदे पानी का मुद्दा सीएम खट्टर के सामने उठाया गया है। सीएम मनोहर लाल ने जनता की इस शिकायत पर संज्ञान लिया है और उन्होंने सभी 22 वार्डों में पेयजल सप्लाई के हर 15 दिन बाद सैम्पल लेकर जाँच करने के आदेश दिए हैं। अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट सरकार को सबमिट करवानी होगी। सीएम ने कहा कि जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही करने वाले अधिकारी दंड के पात्र होंगे।

आपको बता दें चंडीगढ़ में सीएम आवास पर दूषित पेयजल समस्या पेश होने के बाद सीएम मनोहर लाल ने पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों को जवाब तलब किया। पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन ने बताया कि शहर में मात्र तीन क्षेत्रों शिवाजी कॉलोनी, राम गोपाल कॉलोनी और चिन्योट कॉलोनी के घरों में दूषित पानी की शिकायतें हैं। इस पर वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों ने नाराजगी जताई।

शहर के दूषित पानी की आपूर्ति से प्रभावित मोहल्लों के नाम गिना दिए। मुख्यमंत्री ने वार्ड वार पानी का सैंपल हर 15 दिन पर भरने और अतिशीघ्र रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए। इस दौरान मौजूद रहे पूर्व पार्षद अशोक खुराना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने पब्लिक हेल्थ और स्वास्थ्य विभाग की टीम को पानी का सैंपल संबंधित वार्ड के पार्षद की मौजूदगी में लेने का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि साफ पानी सबका अधिकार है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शहर में दूषित पानी की आपूर्ति का मुद्दा नगर निगम की सामान्य बैठक, जिला परिवेदना समिति की बैठक के अलावा, विधानसभा तक उठा चुका है। इसी मुद्दे को लेकर वार्ड नंबर 16 की पार्षद डिम्पल जैन ने इस्तीफ़ा तक दे दिया था। अब सीएम के हस्तक्षेप के बाद अब देखना है कि हर 15 दिन पर वार्ड वार पानी के सेंपल भरने और उसकी जांच रिपोर्ट तैयार करने में संबंधित अधिकारियों की टीम कितनी मुस्तैदी दिखाती है। क्योंकि पहले भी पानी की जांच हो चुकी है। लेकिन हालात तस के तस हैं।

वहीँ गुरुनानक पुरा कलोनी के स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार जन स्वास्थ्य विभाग में शिकायत की गई, लेकिन पानी की समस्या पिछले कई महीनों से बनी हुई है। अधिकारीयों को भी मौके पर बुलाकर गंदे व बदबूदार पानी को दिखाया। साथ ही उनसे शीघ्र ही जांच कर नलों के माध्यम से साफ पानी उपलब्ध कराए जाने की मांग की लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही। इस पानी को पीना तो दूर घर के अन्य कार्य भी नहीं कर सकते। इस पानी को पीना मतलब बीमारियों को दावत देना है।

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