पवन कुमार बंसल : बड़ा लुत्फ था जब कुवारे थे हम तुम। कभी भूपिंदर सिंह हुडा भजन लाल के दीवाने थे।हरियाणा के जाने- माने पत्रकार डॉक्टर सतीश त्यागी की चर्चित किताब “पॉलिटिक्स ऑफ चोधर से साभा उक्त किताब पढ़ रहा था !किताब की भूमिका में चोकाने वाली जानकारी है !
किताब की भूमिका के दूसरे पेज के दूसरे पहरे में लिखा है “1991 में भजनलाल मुख्यमंत्री बने तो कालांतर में उनके परबलताम विरोधी रहे भूपिंदर हुडा का जो बयान जनसत्ता के दस सितंबर के अंक में छपा, उससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि रोहतक के लोगो के लिए हरियाणा की सत्ता उनकी पगड़ी है और उसपर उनका जन्मसिद्ध अधिकार है !
हुडा ने कहा-” भजनलाल ने रोहतक की पगड़ी चोटाला से वापिस ला दी है ! उन्होंने भजनलाल का जिक्र ही सुना था लेकिन पिछले तीन महीने से उन्हें निकट से देखने को मिला है और वे उनसे प्रभावित हुए है। साफ है कि हुडा पगड़ी को किसी भी तरह रोहतक में लाने पर आमादा थे और इसके लिए वे भजनलाल के भी आभारी हो गए।