बहादुरगढ़। नफे सिंह राठी हत्याकांड का हरियाणा सरकार जल्द से जल्द खुलासा करना चाहती है। क्योंकि विपक्ष लगातार पर भाजपा को घेर रही है। इसी को देखते हुए पुलिस के साथ कई टीमें जांच में जुट गई हैं। बता दें इस मामले में फोरेंसिक टीम ने गोलियों से छलनी उनकी गाड़ी के साथ घटनास्थल पर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया है। ताकि जांच में और मदद मिले। राज्य सरकार सीबीआइ जांच की बात कह चुकी है। अब पुलिस की सात टीमें व एक एसआइटी इसमें जुटी हैं।
वारदात हुए तीन दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी, लेकिन झज्जर पुलिस का दावा है कि इस मामले के लिए जांच टीमें गहराई तक जा चुकी हैं। जल्द ही पूरे मामले का राजफाश हो सकता है। मंगलवार को इस मामले में फोरेंसिक टीम ने गोलियों से छलनी उनकी गाड़ी के साथ घटनास्थल पर क्राइम सीन रीक्रिएट कर जांच की।
इस बीच कांट्रैक्ट किलिंग के शक में दिल्ली से तार जुड़ने के बाद दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल की टीम भी बहादुरगढ़ पहुंची और इनपुट जुटाया। इस मामले में अब विदेश में बैठे दिल्ली के गैंगस्टर कपिल उर्फ नंदू के नाम की चर्चा है। इधर, नफे सिंह के परिवार ने एफआईआर से अलग अब तीन और लोगों पर साजिश में शामिल होने का शक जताते हुए उनके नाम पुलिस को दिए हैं। इस पर जांच होगी। इस बीच पुलिस ने नफे सिंह के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी है। हमले में घायल चालक राकेश उर्फ संजय और सुरक्षाकर्मी संजीत का कड़ी सुरक्षा के बीच इलाज चल रहा है।
दो परिवारों के साथ राठी का प्रॉपर्टी विवाद
नफे सिंह हत्याकांड में नामजद आरोपितों में से एक परिवार पूर्व मंत्री मांगेराम राठी का है और दूसरा पूर्व चेयरमैन कर्मबीर का। दोनों परिवारों के तीन-तीन सदस्यों पर हत्याकांड का आरोप है। इनमें से कर्मबीर राठी का सीधे तौर पर नफे सिंह राठी के परिवार के साथ प्लाट पर विवाद है। बादली रोड पर स्थित इस प्लाट की कीमत करोड़ों में है। दोनों परिवार इस पर अपना हक जता रहे हैं। वहीं मांगेराम राठी के बड़े पुत्र जगदीश का घर परनाला रोड पर है। यहीं पर एक प्लाट को लेकर जगदीश के परिवार और नफे सिंह के भांजे अजय दलाल उर्फ सोनू का विवाद हुआ था। बाद में जगदीश ने आत्महत्या कर ली थी। परिवार के सदस्यों ने इसी प्लाट के विवाद को वजह बताते हुए नफे सिंह और उनके भांजे समेत कई लोगों पर केस दर्ज कराया था। यह विचाराधीन है।
हमलावरों की गाड़ी का फरीदाबाद कनेक्शन
नफे सिंह राठी हत्याकांड में हमलावर जिस आइ-20 कार में आए थे वह ओल्ड फरीदाबाद के खत्रीवाड़ा क्षेत्र निवासी नीरज के नाम पर रजिस्टर्ड है। रोहतक व बहादुरगढ़ एसटीएफ नीरज के घर पहुंची तो पता चला कि उसे घरवालों ने बेदखल कर रखा है। इसके बाद एसटीएफ नीरज के भाई विष्णु को साथ ले गई और पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया।
विष्णु ने बताया कि कार की कई किस्तें बकाया थी, नीरज उसे भर नहीं रहा था। इस पर कार 2021 में तरुण नागर को बेची गई थी। तरुण ने इसे गाजियाबाद के इमरान को बेच दिया। कड़ी दर कड़ी जोड़ते हुए टीम आधी रात को ही इमरान के घर पहुंची, वहां से पता चला कि उसने यह कार ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-75 में काम करने वाले मोनू को बेची थी।
इसके बाद टीम वापस फरीदाबाद आई, पर पता चला कि मोनू फरार है। विष्णु ने बताया कि उसे सुबह साढ़े छह बजे छोड़ा गया। उससे लिखवा लिया कि उसे किसी तरह से प्रताड़ित नहीं किया गया है, उसके बाद छोड़ दिया गया। बाद में दिल्ली क्राइम ब्रांच और जिले की विभिन्न क्राइम ब्रांचों ने भी विष्णु से पूछताछ की। पुलिस अब मोनू की तलाश कर रही है। मोनू गाड़ियों की खरीद-फरोख्त का काम करता है। पुलिस की टीमें गैंगस्टर नीरज फरीदपुरिया के गांव फरीदपुर भी पहुंचीं, हालांकि हत्याकांड से गैंगस्टर का कोई कनेक्शन नहीं निकला है।
दिल्ली पुलिस को कपिल सांगवान-ज्योति प्रकाश पर शक
दिल्ली पुलिस की अधिकतर टीमों को लॉरेंस ग्रुप के गैंगस्टर कपिल सांगवान व ज्योति प्रकाश पर ही शक है। इसका कारण सोशल मिडिया पर कपिल सांगवान उर्फ़ नंदू का लिखा हुआ पोस्ट है जिसमे उसने राठी हत्याकांड की जिम्मेदारी ली है। जिसमे उसने सपष्ट कहा है कि राठी की हत्या इसलिए की क्योंकि वह गैंगस्टर मंजीत महाल का साथ दे रहा था। ऐसे में दिल्ली पुलिस लॉरेंस व जठेड़ी ग्रुप से जुड़े सभी गैंगस्टरों से पूछताछ करने का निर्णय लिया है। इस हत्याकांड की जांच में जहां पहले केवल स्पेशल सेल व क्राइम ब्रांच की कुछ टीमें जुटी थीं अब पूरी दिल्ली पुलिस जांच में जुट गई है।