MP News, उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि बीमारी का प्रारंभिक चरण में पता लगाना उसके उपचार के लिए आवश्यक है, जबकि तीसरे चरण में बीमारियाँ घातक हो सकती हैं।
उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में मधुमेह और अन्य बीमारियों के निदान के लिए विशेष प्रयास किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। यह वक्तव्य उन्होंने “रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया – एमपी चैप्टर” द्वारा आयोजित 9वें वार्षिक सम्मेलन में दिया।
“राइट टू हेल्थ” के साथ “राइट टू डायग्नोसिस” भी आवश्यक
उप मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रही प्रगति की बात करते हुए कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जिला चिकित्सालय स्तर की सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने “राइट टू हेल्थ” के साथ “राइट टू डायग्नोसिस” की भी आवश्यकता को रेखांकित किया, ताकि समय पर बीमारी की पहचान हो सके और चिकित्सा सुविधाएं अंतिम छोर तक पहुंच सकें।
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डॉक्टरों को किया सम्मानित
इस सम्मेलन में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए डॉक्टरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उप मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से पवित्र उद्देश्य और समर्पण के साथ कार्य करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सम्मेलन से निकलने वाले निष्कर्ष समाज के लिए लाभकारी होंगे। सम्मेलन में सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा, डॉ. जयंत पांडा, डॉ. मक्कड़, डॉ. परिमल स्वामी, डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव सहित देशभर के प्रमुख चिकित्सक उपस्थित थे।