पंजाब में लोकसभा चुनाव के तहत जहां विभिन्न दलों के उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने का सिलसिला जारी है। वहीं अब जितने उम्मीदवारों ने नामांकन भर दिया है, चुनाव प्रचार का खर्च अब उनके सिर पर पड़ने लगेगा। चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए 95 लाख रुपये खर्च की सीमा तय की है।
इसको लेकर चुनाव आयोग द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। नामांकन भरने के समय उम्मीदवारों को ईएसआई द्वारा निर्धारित खर्चों की सूची दी गई है। नामांकन दाखिल करने से पहले लुधियाना की बात करें तो 8 मई तक राजनीतिक दलों ने 1 करोड़ 11 लाख रुपये खर्च किए हैं।
अगर खर्च की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने लुधियाना में अपने उम्मीदवार के प्रचार में अब तक सबसे ज्यादा रकम खर्च की है, जिसके मुताबिक सिर्फ लुधियाना से आम आदमी पार्टी के मद में 44.96 लाख रुपये का खर्च आया है। वहीं, अगर बीजेपी की बात करें तो लुधियाना में दूसरे नंबर पर रहे रवनीत बिट्टू के प्रचार पर बीजेपी ने सबसे ज्यादा खर्च किया है।
कुल 37.84 लाख रुपये खर्च किये गये हैं। तीसरे स्थान पर कांग्रेस है जिसने प्रचार पर अब तक 15.56 लाख रुपये खर्च किये हैं। इसी तरह अकाली दल ने 11.95 लाख रुपये खर्च किए, जबकि बसपा उम्मीदवार ने 49 हजार 470 रुपये, आजाद उम्मीदवार प्रीतपाल ने 26 हजार 324 रुपये खर्च किए। जबकि केसीपीआई और एलआईपी ने 960 रुपये खर्च किये हैं।
लुधियाना की मुख्य निर्वाचन अधिकारी साक्षी साहनी ने कहा है कि लुधियाना में 14 विधानसभा क्षेत्र हैं और इनमें से पांच विधानसभा क्षेत्र फतेहगढ़ लोकसभा सीट में हैं। जबकि लुधियाना सीट में नौ निर्वाचन क्षेत्र हैं, जिनमें से तीन निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें व्यय संवेदनशील बनाया गया है, जिसके लिए दो आईआरएस अधिकारियों को भी व्यय की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि इन संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों में लुधियाना के गिल, आतम नगर और लुधियाना दक्षिण विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
जहां उन्हें लगता है कि पैसा ज्यादा खर्च किया जा सकता है। लुधियाना के मुख्य चुनाव अधिकारी ने साफ कहा कि किसी को किसी भी तरह का लालच देकर वोट देने के लिए उकसाना कानूनी अपराध है, अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भले ही वह किसी भी पार्टी से जुड़ा उम्मीदवार हो।
जिला निर्वाचन अधिकारी साहनी ने बताया कि उड़न दस्ता टीमों और स्थैतिक निगरानी टीमों में नागरिक और पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं। सभी जीपीएस समर्थित वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, जो कैमरों से भी सुसज्जित हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार चुनाव खर्च पर पूरी नजर रख सकें, इसके लिए इन अधिकारियों की शिफ्ट के हिसाब से ड्यूटी लगाई गई है।