दोराहा में नगर परिषद के सामुदायिक भवन को गलत तरीके से किराये पर देने और 58 लाख रुपये हड़पने के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। इस गबन मामले में पायल से आप विधायक मनविंदर सिंह ग्यासपुरा ने पूर्व कांग्रेस विधायक लखवीर सिंह लक्खा और पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष बंत सिंह दबुर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
विधायक ग्यासपुरा ने कहा कि दोराहा नगर कौंसिल द्वारा सरकार के करोड़ों रुपये की लागत से सामुदायिक भवन का निर्माण कराया गया था, जिसका उद्देश्य गरीब लोगों के कार्यक्रम यहां बहुत कम लागत पर आयोजित करना था। लेकिन कांग्रेस शासन के दौरान नगर परिषद अध्यक्ष बंत सिंह दबुर्जी ने पहले इसे अपने रिश्तेदार को तीन साल के लिए पट्टे पर दे दिया था। इसके बाद इसे गलत तरीके से पटियाला के अमरजीत सिंह को पट्टे पर दे दिया गया।
अमरजीत सिंह से कोई दस्तावेज नहीं लिया गया और सामुदायिक भवन का तीन साल का किराया भी नहीं लिया गया। इस मामले में 58 लाख रुपये के गबन का मामला सामने आया है। सामुदायिक भवन का सारा सामान उठा ले गए, यहां तक कि नल भी नहीं बचे।
ग्यासपुरा ने कहा कि विधायक बनने के बाद जब यह मामला उनके ध्यान में आया तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने नगर परिषद में प्रस्ताव पारित कर एसएसपी खन्ना को शिकायत दी। इसमें किसी का नाम नहीं था, लेकिन नगर परिषद दोराहा के पूर्व अध्यक्ष बंत सिंह दोबुर्जी खुद ही हाईकोर्ट पहुंच गए और याचिका दायर कर दी।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पुलिस को दी गई शिकायत को सही करार दिया और जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।