Tuesday, September 2, 2025
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315 करोड़ रुपये से होगा माइनरों का कायाकल्प, CM नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता हुई बैठक में दी गई मंजूरी

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार ने प्रदेश में सिंचाई व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ एवं कारगर बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में  मंगलवार को हुई सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की एक अहम बैठक में राज्य में माइनर्स के व्यापक रीमॉडलिंग (पुनर्निर्माण एवं सुधार) कार्य योजना को मंज़ूरी प्रदान की गई है। इसके तहत लगभग 54 अलग-अलग परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा और इस पूरी परियोजना पर लगभग 315 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत नहरों की गहराई, चौड़ाई एवं ढांचे को आधुनिक तकनीक से सुदृढ़ किया जाएगा, ताकि सिंचाई जल की आपूर्ति समय पर और पर्याप्त रूप से किसानों तक पहुँच सके। इस पूरी परियोजना के तहत विभिन्न नहरी सर्कलों के तहत 30 कैनाल का पुनर्वास तथा 24 कैनाल की रिमॉडलिंग की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इससे किसानों की फसलों को पर्याप्त सिंचाई जल मिलेगा, भूमिगत जल स्तर पर दबाव कम होगा और प्रदेश में कृषि उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में जलजमाव की समस्या पर भी काबू पाया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और माइनरों के लेवल में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।

यमुना वाटर सर्विस, लोहारू वाटर सर्विस और जवाहर लाल नेहरू सर्कल के तहत लगभग 54 परियोजनाओं को किया जाएगा क्रियान्वित

बैठक में जानकारी दी गई कि यमुना वाटर सर्विस सर्कल, भिवानी के तहत 41 परियोजनाओं, यमुना वाटर सर्विस सर्कल, करनाल के तहत 1 तथा यमुना वाटर सर्विस सर्कल, रोहतक के तहत 2 परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा। इसी प्रकार लोहारू वाटर सर्विस सर्कल भिवानी के अंर्तगत 7 परियोजनाओं और जवाहर लाल नेहरू सर्कल रेवाड़ी के तहत 3 परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इन कार्यों को नाबार्ड की सहायता से क्रियान्वित किया जाएगा।

इन परियोजनाओं के तहत माइनरों के किनारों को मज़बूत और ऊँचा करना, लाइनिंग की मरम्मत व पुनर्वास, पाइपलाइन बिछाना, हेड रेगुलेटर, साइफन, पुलिया और आउटलेट की मरम्मत इत्यादि कार्यों को किया जाएगा, जिससे लीकेज खत्म होगी और पानी की बचत भी होगी तथा संभावित क्षेत्रों तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इनसे भिवानी, रोहतक, जींद, चरखी दादरी, रेवाड़ी, सोनीपत और करनाल जिलों को लाभ मिलेगा।

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