Friday, April 26, 2024
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हरियाणा पुलिस के हत्थे चढ़ा ‘मौत का सौदागर’, सीएम फ़्लाइंग और ड्रग कंट्रोल विभाग ने दबोचा

तुर्की से कैंसर और डायबिटीज की नकली दवा मंगवाकर दिल्ली-एनसीआर के प्राइवेट अस्पतालों में बेचने वाले आरोपियों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। हरियाणा एफडीए ने नोएडा में उनके ठिकाने से सात लाख से ज्यादा की दवाएं बरामद की हैं।

गुरुग्राम। हरियाणा की गुरुग्राम पुलिस ने मौत के एक मौत के सौदागर को पकड़ा है, जिससे कैंसर की बीमारी के नकली इंजेक्शन बरामद हुए हैं। आरोपी करीब अढ़ाई लाख रुपए में कैंसर का नकली इंजेक्शन लोगों को बेचता था। पुलिस ने कैंसर की नकली दवा बेचने के आरोप में गिरफ्तार किए गए शख्स से सात लाख रुपये की दवाएं जब्त की हैं। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने रविवार को बताया कि राज्य के एफडीए ने हाल ही में गिरफ्तार किए तुर्की के शख्स से सात लाख रुपये की दवाएं जब्त की हैं। रिमांड के दौरान आरोपी से ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दवाओं, रिकॉर्ड, रजिस्टर, दस्तावेज और उसका पासपोर्ट भी बरामद किया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने यह जानकारी दी।

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बताया कि ये सभी दवाएं कैंसर और डायबिटीज से संबंधित हैं, जिन्हें अवैध रूप से भारत में आयात किया गया था। मंत्री ने कहा कि एफडीए के अधिकारियों ने आरोपी मोहम्मद अली तारमानी से पूछताछ की और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत दवाओं का स्टॉक, रिकॉर्ड, रजिस्टर, दस्तावेज आदि बरामद किए। CM फ्लाइंग और ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट की टीम ने मिलकर रेड मारी और आरोपी को गिरफ्तार करके गैंग का पर्दाफाश किया। अब पुलिस पूरे गिरोह को पकड़ने में जुटी है। आरोपी ने यह दवाइयां सेक्टर-62, नोएडा में एक अलमारी के अंदर छुपाई हुई थी। उसके पास इन दवाइयों से संबंधित कोई आयात एनओसी नहीं है। ये सभी उत्पाद उसके संपर्क में रहने वाले वितरकों के माध्यम से बिक्री के लिए इस्तांबुल से लाए गए थे।

मिली जानकारी के अनुसार, CM फ्लाइंग की टीम को सूचना मिली थी कि 21 अप्रैल को गुरुग्राम के सेक्टर-52 में एक हॉस्पिटल को कैंसर का नकली इंजेक्शन ढाई लाख रुपए में बेचा गया। इस सूचना के आधार पर जब CM फ्लाइंग की टीम ने रेड मारी तो नकली इंजेक्शन मिले। यह इंजेक्शन इटली की एक कंपनी बनाती है। CM फ्लाइंग और ड्रग विभाग ने इनके सैंपल इटली में जांच के लिए भेजे। इटली से टीम को सूचना मिली कि यह इंजेक्शन उनकी कंपनी ने नहीं बनाए हैं। इसके बाद दोनों टीमों ने गैंग का पता लगाने के प्रयास किए। कार्रवाई करते हुए CM फ्लाइंग और ड्रग डिपार्टमेंट की टीम ने पहले आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसकी पहचान संदीप के रूप में हुई। संदीप ने बताया कि वह मोतिउर रहमान के लिए काम करता है, जिसने 28 अप्रैल को सरेंडर किया। इसके बाद खुलासा हुआ कि इंजेक्शन कनिष्क नोएडा से सप्लाई किए जाते हैं। इसके बाद शुक्रवार को टीम ने मुंबई से तुर्की निवासी अली को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की।

मंत्री ने 11 अप्रैल को कहा था कि WHO ने नकली इंजेक्शन ‘Defitelio 80 mg/ml, Batch no. 19G19A, Exp. 06/2023’ जिसमें निर्माता ‘Genium Sri, Piazza XX, Septiembre 2, Villa Guardia, 22079, Italy’ है। इस इंजेक्शन को इंटरनेशनल लेबल पर बेचा जा रहा है। WHO के अलर्ट के बाद हरियाणा एफडीए ने 21 अप्रैल को एक शख्स को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया, जिसकी पहचान संदीप भुई के रूप में हुई। वह कैंसर का नकली इंजेक्शन ‘Defitelio’ ढाई लाख रुपये में बेच रहा था। विज ने कहा था कि 21 अप्रैल को ही मूल निर्माता को एक ईमेल भेजा गया था जिसका नाम और पता लेबल पर था। उन्होंने बताया कि कंपनी ने इसका जवाब देते हुए बताया था कि प्रोडक्ट प्रमाणिक नहीं था और खुलासा किया कि उसी बैच की पहचान संयुक्त अरब अमीरात और किर्गिस्तान में भी की गई थी। इन आरोपियों में तरमानी को मुंबई से पकड़ा गया था, जिसे बाद में गुरुग्राम लाया गया था।

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