Saturday, July 19, 2025
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गुरुग्राम में 27 जुलाई से “मातृ वन” अभियान की शुरुआत

हरियाणा के वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने केंद्रीय विद्युत तथा आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल तथा केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ मुलाकात कर अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित विश्व की सबसे बड़ी जंगल सफारी परियोजना को लेकर विस्तृत चर्चा की।

वन एवं वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने नई दिल्ली में शुक्रवार को हुई मुलाक़ात के उपरांत जानकारी देते हुए बताया कि  लगभग 10 हजार एकड़ क्षेत्र में विकसित की जाने वाली इस महत्वाकांक्षी परियोजना को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में 2 हजार 500 एकड़ क्षेत्र में कार्य किया जाएगा, जो जल्द शुरू होगा। यह परियोजना हरित पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ वन्यजीव संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी।

उन्होंने बताया कि परियोजना को वैश्विक सुविधाओं से सुसज्जित करने और सर्वोत्तम मॉडल अपनाने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के साथ गुजरात के जामनगर स्थित ‘वंतारा’ जंगल सफारी का दौरा किया गया। इस विजिट से परियोजना के तकनीकी, संरचनात्मक और संरक्षण आधारित पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी।

उन्होंने बताया केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस परियोजना को तेजी से मूर्त रूप देने हेतु हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि अति-शहरीकृत क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाएं पर्यावरण संरक्षण और संतुलित इकोसिस्टम के लिए महत्वपूर्ण हैं।

राव नरबीर सिंह ने कहा कि यह सफारी पर्यावरण प्रेमियों को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार, क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति और हरियाणा को वैश्विक हरित पहचान दिलाएगी।

अरावली पहाड़ियों को हरा-भरा बनाने और पारिस्थितिकी संरक्षण के उद्देश्य से 27 जुलाई से “मातृ वन अभियान” की शुरुआत होगी। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल व भूपेंद्र यादव पौधरोपण की शुरुआत करेंगे।

राव नरबीर सिंह ने बताया कि यह अभियान अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के तहत चलेगा, जिसमें तीन लेयर वाला हरित वन क्षेत्र विकसित किया जाएगा। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए “एक पेड़ मां के नाम” अभियान से प्रेरित है। इस दौरान शिव नादर स्कूल से घाटा चौक तक लगभग 20 हजार पौधे रोपे जाएंगे।उन्होंने इसे हरियाली, जल संरक्षण और वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में बड़ा कदम बताया और जिलेवासियों से अधिक से अधिक भागीदारी की अपील की।

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