रोहतक। रोहतक के गद्दी खेड़ी गांव के सरपंच सेवा सिंह के घर पर फोन आया कि गांव का लाडला अंकित देश के लिए शहीद हो गया। सरपंच सेवा सिंह अंकित के घर पहुंचे और उन्होंने बेटे अंकित के शहीद होने की खबर दी। इससे घर के लोग एक बार सोच में पड़ गए। कि आखिर रात में ऐसा क्या हुआ जो उनका बेटा देश की सेवा करते हुए शहीद हो गया। किसी को नहीं यकीन… उनका लाल चला गया।
अंकित की नवविवाहित पत्नी प्रीति को जब ये जानकारी मिली तो वह बेहोश हो गई। इसी बीच घर और गांव की महिलाएं उसके पास पहुंची और सांत्वना देने का प्रयास करती दिखाई दीं। अंकित के शहीद होने के बाद मानो प्रीति के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया हो। क्योंकि 4 माह पहले ही अग्नि को साक्षी मानकर प्रीति ने अंकित से सात फेरे लिए थे। अभी उसके हाथ की मेहंदी फीकी भी नहीं हुई थी कि पति के की सूचना आ गई। दिवाली की खुशियों से पहले हादसे ने 4 माह की विवाहिता से अंकित का हाथ छीन लिया।
मां सुदेश से दो दिन पहले फोन पर हुई बातचीत में दिवाली पर छुट्टी लेकर घर आने की बात कही थी। किसे पता था कि अंकित इस तरह दिवाली से पहले ही तिरंगे में लिपट कर घर पहुंचेगा। उसके जाने से पूरे परिवार व गांव में शोक है। आपको बता दें जम्मू कश्मीर से लेह रोड़ पर फौज की गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने की वजह से 9 जवान शहीद हो गए। जिसमें रोहतक जिले के गद्दी खेड़ी गांव के रहने वाले गनर अंकित भी मौजूद थे। इस हादसे में वो शहीद हो गए। जिसे लेकर गांव में गम का माहौल है।
गद्दी खेड़ी निवासी अंकित वर्ष 2019 में सेना में भर्ती हुआ था। इसके लिए कड़ी मेहनत की थी। कई साल की मेहनत के बाद परिवार का पहला सदस्य सेना में भर्ती हुआ था। उसे 311 मेड रेजिमेंट में जगह मिली थी। वह खेलों में बेजोड़ था। सेना की ओर से खेलों में हिस्सा लेकर पदक भी लाया। वह 400 व 800 मीटर दाैड़ के अलावा बॉक्सिंग व राफ्टिंग भी करता था। अंकित राफ्टिंग की प्रेक्टिस करने के लिए लेह के लिए निकाला था। अंकित का सपना था कि राफ्टिंग में वह एक अच्छा खिलाड़ी बन देश का नाम रोशन करेगा। लेकिन उसका यह सपना इस हादसे की वजह से अधूरा ही रह गया।
अंकित के दोस्तों का कहना है कि 4 महीने पहले ही अंकित छुट्टी पर आए थे और शादी की थी। वह मार्च में अधूरे पड़े मकान को बनाने की बात कह कर ड्यूटी के लिए रवाना हुए थे। गांव के लोग मित्र इस हादसे की खबर सुनकर काफी स्तब्ध है। उनका कहना है कि अंकित एक नेक दिल इंसान था और सभी की इज्जत करता था।
सरपंच सेवा सिहं ने बताया कि अंकित की फरवरी माह में शादी हुई थी। शादी के लिए वह दो माह के अवकाश पर गांव आया था। फरवरी में शादी हुई इसके बाद वह मार्च में ड्यूटी चला गया। इसके बाद वह घर नहीं आया। पत्नी के गर्भवती होने की सूचना भी अंकित को फोन पर दी गई थी। इसके बाद उसने पत्नी से कहा था कि वह बच्चे के होने पर गांव आएगा। लेकिन, कहते है कि होनी को कोई नहीं टाल सकता। बच्चे के जन्म से पहले ही अंकित शहीद हो गया और हमेशा के लिए परिवार से दूर चला गया।
अंकित ने 2019 में आर्मी जॉइन की थी। आर्मी में भर्ती के लिए अंकित सुबह शाम कड़ी मेहनत करते थे। वह 311 मेड रेजिमेंट में तैनात थे। अंकित का एक छोटा भाई दीपक भी है, जो गांव में ही खेतीबाड़ी का काम करता है। इस खबर को सुनकर यह बिल्कुल टूट गए हैं। भाई का कहना है कि बहुत सपने देखे थे लेकिन वह सपने अधूरे रह गए। अंकित में देश सेवा का बहुत बड़ा जज्बा था। आज सुबह ही यह खबर मिली तो मानो उनका सब कुछ खत्म हो गया।
गद्दी खेड़ी निवासी शहीद के छोटे भाई दीपक ने बताया कि बड़ा भाई अंकित परिवार का पहला फौजी है। देश के लिए शहीद होकर हम सबका मान बढ़ा दिया है। उसके जाने से परिवार ही नहीं, पूरे गांव में शोक है। रिश्तेदार व ग्रामीण परिजनों का ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं।
अशोक चक्र एवं शौर्य चक्र विजेता मेजर राजीव जून के शहीदी स्मारक के साथ अंकित का अंतिम संस्कार होगा। अंतिम संस्कार के लिए खाली मैदान को मिट्टी डालकर समतल कर दिया गया। अंकित के परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसरा है। बुजुर्ग हो या युवा सभी गमगीन नजर आ रहे हैं और अपने लाडले का घर पहुँचने का इंतजार कर रहे है। थोड़ी देर में अंकित का पार्थिव शव गांव पहुँचने वाला है। इसके बाद सैनिक सम्मान से शहीद के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।