Tuesday, May 7, 2024
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जानिए कब है अनंत चतुर्दशी, ये पूजा करने से मिलता है राजयोग जैसा सुख

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28 सितंबर 2023 को अनंत चतुर्दशी है। इस दिन गणपति बप्पा का विसर्जन किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब पंडवों ने अपना सारा राजपाट खो दिया था तब भगवान कृष्ण ने उन्हें अनंत चतुर्दशी का व्रत करने के लिए कहा था। इस व्रत को करने से पंडवों को अपना खोया राजपाट फिर से प्राप्त हो गया था। इस दिन व्रत करने और श्रीहरि की पूजा करने, कथा सुनने से जीवन की तमाम समस्याओं का हल हो जाता है।

अनंत चतुर्दशी पूजा शुभ मुहूर्त 

भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि शुरू – 27 सितंबर 2023, रात 10.18

भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि समाप्त – 28 सितंबर 2023, शाम 06.49

  • विष्णु पूजा का मुहूर्त – सुबह 06.12 – शाम 06.49
  • गणेश विसर्जन मुहूर्त – सुबह 10.42 – दोपहर 3.10
  • शाम 4.41 – रात 9.10
  • प्रात: 12.12 – दोपहर 1.42, 29 सितंबर

यहां पढ़ें कथा 

प्राचीन समय में सुमंत नाम का एक ब्राह्मण अपनी बेटी दीक्षा और सुशीला के साथ रहता था। सुशीला जब विवाह योग्य हुई तो उसकी मां का निधन हो गया।  सुमंत ने बेटी सुशीला का विवाह कौंडिन्य ऋषि से कर दिया। कौंडिन्य ऋषि सुशीला को लेकर अपने आश्रम जा रहे थे, लेकिन रास्ते में रात हो गई तो एक जगह पर रुक गए।

उस जगह कुछ स्त्रियां अनंत चतुर्दशी व्रत की पूजा कर रही थीं।  सुशीला ने भी महिलाओं से उस व्रत की महीमा जानी और उसने भी 14 गांठों वाला अनंत धागा पहन लिया और कौंडिन्य ऋषि के पास आ गई लेकिन कौंडिन्य ऋषि ने उस धागे को तोड़कर आग में डाल दिया, इससे भगवान अनंत का अपमान हुआ।

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श्रीहरि के अनंत रूप के अपमान के बाद कौंडिन्य ऋषि की सारी संपत्ति नष्ट हो गई और वे दुखी रहने लगे। सुशीला ने इसके लिए अनंम धागे को जलाने को वजह मानाय़ फिर कौंडिन्य ऋषि उस अनंत धागे की प्राप्ति के लिए वन में भटकने लगे। एक दिन वे भूख-प्यास से जमीन पर गिर पड़े, तब भगवान अनंत प्रकट हुए। उन्होंने कहा कि कौंडिन्य तुमने अपनी गलती का पश्चाताप कर लिया है।

अब घर जाकर अनंत चतुर्दशी का व्रत करो और 14 साल तक इस व्रत को करना। इसके प्रभाव से तुम्हारा जीवन सुखमय हो जाएगा और संपत्ति भी वापस आ जाएगी। कौंडिन्य ऋषि ने वैसा ही किया, जिसके बाद उनकी धन, संपत्ति वापस लौट आई और जीवन सुखमय हो गया।

 

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