पंजाब का शिक्षा बोर्ड शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के दौरान दसवीं और बारहवीं कक्षा के परिणामों से काफी खुश है, लेकिन इन परिणामों से छात्रों के भाषा मानक के स्तर का पता चला है। शिक्षा बोर्ड ने बारहवीं कक्षा में कुल 218 विषयों की परीक्षा आयोजित की, जिनमें से 7 विषय भाषाओं से संबंधित थे। इसी तरह दसवीं कक्षा के कुल 93 विषयों में अंग्रेजी, पंजाबी और हिंदी तीन भाषाओं की परीक्षा हुई।
बड़ी बात यह रही कि इस साल बारहवीं कक्षा में शामिल हुए 2 लाख 84 हजार 452 विद्यार्थियों में से 16 हजार 641 की री-अपीयर/कंपार्टमेंट आई। हालांकि माना जा रहा है कि अगर ग्रेस मार्क्स नहीं दिए जाते तो ये आंकड़ा और भी ज्यादा होता। शिक्षा बोर्ड से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, बारहवीं कक्षा में परीक्षा देने वाले कुल छात्रों में से 5.8 प्रतिशत की कंपार्टमेंट आई थी।
मामला इसलिए गंभीर है क्योंकि इनमें से 4.71 फीसदी छात्र सामान्य अंग्रेजी विषय से संबंधित हैं। इसी प्रकार इस वर्ष दसवीं कक्षा में 7166 विद्यार्थियों की कंपार्टमेंट आई है, जो मात्र 2.5 प्रतिशत है, लेकिन विडंबना यह है कि इनमें से 2345 विद्यार्थी अंग्रेजी विषय से संबंधित हैं, जो कि 1.19 प्रतिशत है।
इस साल बारहवीं कक्षा में सामान्य पंजाबी में 1098 छात्र फेल हो गए। कंपार्टमेंटल छात्रों में सबसे खराब स्थिति सामान्य अंग्रेजी विषय की थी। अनिवार्य विषय होने के कारण सभी विद्यार्थियों (कुल 2 लाख 84 हजार 452) ने इस विषय की परीक्षा दी थी, जिनमें से 13 हजार 384 फेल हो गये। इसी तरह 12वीं ऐच्छिक पंजाबी विषय की स्थिति अंग्रेजी से थोड़ी बेहतर रही। भले ही यह पंजाबी हो, अच्छी बात यह है कि परिणाम 100 प्रतिशत रहे होंगे।
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वर्ष 2024 में 44 हजार 452 विद्यार्थियों ने वैकल्पिक पंजाबी विषय का पेपर दिया, जिनमें से 975 फेल हो गये। इस साल थ्योरी के कुल 80 अंकों में से 27 अंकों वाला छात्र पास हो गया है और 20 अंक स्कूल द्वारा इंटरनल असेसमेंट के भी भेजे गए हैं। जिसे ज्यादातर स्कूल पूरे 99 प्रतिशत लागू करते हैं। स्थिति यह है कि छात्रों को पास होने के लिए 27 अंक लाने थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
बारहवीं कक्षा में 7 भाषा विषयों में से उर्दू एकमात्र विषय है जिसका परिणाम 100 प्रतिशत रहा। स्थिति यह है कि सेलेक्टिव हिंदी और अंग्रेजी का रिजल्ट भी सेलेक्टिव पंजाबी से 0.46, 0.36 फीसदी ज्यादा रहा। इन परीक्षाओं में 16 हजार 882 विद्यार्थियों ने वैकल्पिक विषय के रूप में हिंदी और 7 हजार 487 अंग्रेजी विषय लिया, जिनमें से क्रमश: 254 और 120 को उत्तीर्ण अंक नहीं मिले।