job News : नोएडा की स्टार्टअप कंपनी ‘यस मैडम’, जो डोरस्टेप ब्यूटी सर्विसेज प्रदान करती है, इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। कंपनी ने हाल ही में अपने 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया। लेकिन, हैरानी की बात यह है कि यह छंटनी एक सर्वे के आधार पर की गई, जिसमें कर्मचारियों से एक सीधा सवाल पूछा गया था।
कंपनी job News ने पूछा ऐसा क्या सवाल?
यस मैडम ने हाल ही में अपने कर्मचारियों के बीच काम से जुड़े तनाव (वर्कप्लेस स्ट्रेस) को समझने के लिए एक सर्वे किया। इस सर्वे में पूछा गया था, “क्या आपको काम का स्ट्रेस है?” जिन कर्मचारियों ने इस सवाल का जवाब ‘हां’ में दिया, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया।
कंपनी का बयान job News
कंपनी ने छंटनी के बाद कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में लिखा,
“प्रिय टीम, हमने हाल ही में एक सर्वे किया, जिसमें आपमें से कई ने अपनी चिंताओं को हमारे साथ साझा किया। एक हेल्दी वर्क एनवायरनमेंट बनाए रखने के लिए हमने यह कठिन फैसला लिया कि जो कर्मचारी तनावग्रस्त हैं, उन्हें कंपनी से अलग किया जाए। हम आपके योगदान के लिए आभारी हैं।”
कर्मचारियों की नाराजगी job News
इस फैसले से कर्मचारी काफी नाराज हैं। कंपनी में यूएक्स कॉपीराइटर रहीं अनुष्का दत्ता ने अपनी नाराजगी लिंक्डइन पर जाहिर करते हुए लिखा,
“यस मैडम में आखिर क्या चल रहा है? एक रैंडम सर्वे के बाद हमें नौकरी से निकाल दिया गया। सिर्फ इसलिए क्योंकि हमने स्वीकार किया कि हम स्ट्रेस में हैं? 100 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला गया है।”
सोशल मीडिया पर आलोचना
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर कंपनी को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लिंक्डइन पर कई यूजर्स ने इसे “टॉक्सिक वर्क कल्चर” का उदाहरण बताया। एक यूजर ने कहा,
“स्ट्रेस सर्वे करना और उसके आधार पर नौकरी से निकालना पागलपन है।”
वहीं, एक अन्य ने लिखा,
“कंपनी को मदद करनी चाहिए थी, न कि कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाना।”
इस फैसले पर क्या कहना चाहिए?
छंटनी के लिए तनाव का कारण बनाना न सिर्फ अनैतिक लगता है, बल्कि यह कर्मचारियों के मनोबल पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियों को तनावग्रस्त कर्मचारियों के लिए हेल्पलाइन, मेंटल हेल्थ प्रोग्राम या अन्य सहायता की व्यवस्था करनी चाहिए।