Sunday, September 14, 2025
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KU में अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन का शुभारंभ, देश-विदेश के VVIP अतिथि हुए शामिल

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के ऑडिटोरियम हॉल में श्रीमद्भगवद् गीता आधारित संतुलित प्रकृति-शुद्ध पर्यावरण’ विषय पर 3 दिवसीय नौवीं अंतरराष्ट्रीय गीता सम्मेलन का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर मुख्यातिथि के तौर पर हरियाणा के राज्यपाल और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने शुरकत की और अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर अंतर्राष्ट्रीय गीता सम्मेलन का उद्घाटन किया गया और गीता सम्मेलन की स्मारिका का विमोचन किया। इस मौके राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने संबोधन में कहा कि गीता पूरे विश्व को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती है।

उन्होंने कहा कि गीता सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ऐसा ग्रंथ है जिसके माध्यम से मानव जीवन से जुड़ी हुई सभी समस्याओं का समाधान निहित है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार गीता के संदेश का निर्वहन करते हुए 2035 तक सौर ऊर्जा के माध्यम से 6,000 मेगावाट बिजली उत्पादन कर कार्बन उत्सर्जन को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

हरियाणा सरकार भी सौर ऊर्जा के माध्यम से कार्बन के उत्सर्जन पर नियंत्रण कर पर्यावरण संतुलन के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि अपनी सामाजिक समस्याओं के निवारण के लिए गीता का पाठ अवश्य करें।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि गीता भारत के सांस्कृतिक इतिहास की विरासत है। ये सम्पूर्ण मानवता के कल्याण का ग्रंथ है, इसमें भारतीय एकता और अखंडता का स्वरूप दिखाई देता है।

उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में गीता का महत्वपूर्ण योगदान है। आवश्यकता है गीता के पर्यावरण संरक्षण संदेश को पूरे विश्व तक पहुंचाने की। गीता उपनिषदों, वैदिक ग्रंथों का सार है।

वहीं, सम्मेलन के विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने कहा कि गीता सम्पूर्ण मानवता के जीवन दर्शन का सार है। उन्होंने कहा कि धर्म और ज्ञान की भूमि कुरुक्षेत्र आकर पूर्णता की अनुभूति हो रही है।

बता दें कि हरियाणा सरकार द्वारा 18 दिन तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव से पूरे विश्व को पता लगेगा की गीता में लिखा क्या है। जीवन में उत्कंठा, विडम्बना, असमंजस से गीता का ज्ञान हमें सही दिशा में लेकर जाता है। गीता धार्मिक, नैतिक ग्रंथ है जो हमें सभी जिज्ञासाओं, अंदर से मजबूती, संकट के समय सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है।

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्व को जागृत करने का कार्य किया है तथा गीता को पूरे विश्व की धरोहर बताया है। वहीं, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने कहा कि देवस्वरूपा गीता में पर्यावरण का वैश्विक संदेश निहित है। कुरुक्षेत्र की पावन भूमि गीता के उपदेश व संदेश की जन्म स्थली है। संतुलन हर क्षेत्र में आवश्यक है। गीता में प्रत्येक समस्या का समाधान है।

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में तंजानिया, जांजीबार की यूथ और कल्चरल मिनिस्टर टीएम माविता ने कहा कि भारत और तंजानिया के शिक्षा और कृषि क्षेत्र में गहरे संबंध है। कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। तंजानिया और भारत के बीच इस तरह के आयोजनों से आपसी संबंध मजबूत होंगे जिससे संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य, व्यापार, शिक्षा, शोध व अन्य क्षेत्रों में लाभ होगा।

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