भारत तेजी से एक प्रमुख वैश्विक डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक देश के प्रमुख शहरों में डेटा सेंटर की मांग 450 मेगावाट (MW) आईटी क्षमता तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि आपूर्ति में 600 मेगावाट आईटी तक वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके अलावा, वैश्विक रियल एस्टेट सलाहकार फर्म सैविल्स इंडिया ने भविष्यवाणी की है कि भारत में डेटा सेंटर बाजार 2024 से 2030 तक 21 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ेगा, जिससे यह 3,400 मेगावाट आईटी क्षमता तक पहुंच जाएगा।
भारत में डेटा सेंटर की बढ़ती मांग का मुख्य कारण क्लाउड कंप्यूटिंग, बड़े डेटा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे क्षेत्रों में तेजी से विकास हो रहा है। इसके अतिरिक्त, हाइपरस्केलर्स, बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (BFSI) क्षेत्र, आईटी और आईटीईएस कंपनियों ने भी डेटा सेंटर की सेवाओं की आवश्यकता को बढ़ावा दिया है।
देश में डेटा सेंटर के लिए भूमि लेन-देन में भी भारी उछाल देखा जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमुख शहरों में डेटा सेंटर ऑपरेटरों और हाइपरस्केलर्स द्वारा 2024 में 200 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया। मुंबई ने कुल अवशोषण का 53 प्रतिशत हिस्सा लिया, इसके बाद हैदराबाद (14 प्रतिशत) और चेन्नई तथा पुणे में 10-10 प्रतिशत की हिस्सेदारी रही।