उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, भारतीय स्मार्टफोन बाजार 2025 में शानदार वृद्धि के लिए तैयार है। सरकारी पहलों और उपभोक्ता मानसिकता में सुधार के कारण भारत के स्मार्टफोन बाजार में सालाना आधार पर 6 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। कंज्यूमर सेंटीमेंट में सुधार और बेरोजगारी कम करने के लिए उठाए गए कदम इस वृद्धि को और बढ़ावा देंगे।
2014-15 में 18,900 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में मोबाइल फोन का उत्पादन अनुमानित 4.10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह वृद्धि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना के कारण हुई है, जिसके तहत 2,000 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का स्मार्टफोन बाजार 2024 की तीसरी तिमाही में यूनिट वॉल्यूम के हिसाब से वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा और मूल्य के हिसाब से तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरा है। स्मार्टफोन की मात्रा में 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इसका मूल्य 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ एक तिमाही के लिए सर्वकालिक रिकॉर्ड पर पहुंच गया।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के शोध निदेशक तरुण पाठक के अनुसार, प्रीमियमाइजेशन ट्रेंड के कारण उपभोक्ताओं की उच्च गुणवत्ता वाले और फीचर-रिच डिवाइस की ओर आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, जिससे ब्रांड प्रीमियम सेगमेंट में ध्यान केंद्रित करेंगे। 2025 में 10,000 रुपये से कम मूल्य वाले 5जी स्मार्टफोन की लॉन्चिंग की संभावना जताई गई है।
टियर-3 और टियर-4 शहरों में भी प्रीमियम स्मार्टफोन की मांग बढ़ रही है, और 5जी एवं एआई स्मार्टफोन में मजबूती से विकास हो रहा है, जो 2025 में सालाना 21 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। CMR के प्रभु राम के अनुसार, चीनी स्मार्टफोन ब्रांड निचले स्तर के स्मार्टफोन सेगमेंट में एआई क्षमताओं पर ध्यान देंगे।
इसके अतिरिक्त, 2024-25 में इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में 27.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जिसमें स्मार्टफोन निर्यात में 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एप्पल और सैमसंग जैसी प्रमुख कंपनियों ने देश में उत्पादन बढ़ाने के साथ स्मार्टफोन निर्यात में योगदान दिया है।