पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद केंद्र सरकार सीमा पार से हो रहे आतंकवाद को उजागर करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल इस महीने के अंत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों सहित प्रमुख साझेदार देशों में भेजेगा।
विभिन्न दलों के संसद सदस्य, प्रमुख राजनीतिक हस्तियां और प्रतिष्ठित राजनयिक प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में चार नेता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से हैं, जबकि तीन विपक्षी इंडिया गठबंधन से आते हैं।
संसदीय कार्य मंत्रालय ने शनिवार को जारी बयान में कहा, सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए भारत की राष्ट्रीय सहमति और मजबूत दृष्टिकोण को सामने रखेंगे।
वहीं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में भारत एकजुट है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रमुख साझेदार देशों का दौरा करेंगे। वे आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के हमारे साझा संदेश को लेकर जाएंगे।
ये सांसद प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व करेंगे
- शशि थरूर, कांग्रेस
- रविशंकर प्रसाद, भाजपा
- संजय कुमार झा, जदयू
- बैजयंत पांडा, भाजपा
- कनिमोझी करुणानिधि, डीएमके
- सुप्रिया सुले, एनसीपी
- श्रीकांत एकनाथ शिंदे, शिव सेना