नवंबर 2024 में भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात 55 प्रतिशत घटकर जून 2022 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, रूस भारत का प्रमुख तेल आपूर्तिकर्ता बना हुआ है, जिसके बाद इराक और सऊदी अरब का स्थान है। केंद्र द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में यह बताया गया कि रूस से कच्चे तेल की खरीद में गिरावट के बावजूद भारत अभी भी रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार बना हुआ है। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से भारत ने रूस से तेल खरीद में काफी वृद्धि की थी, और अब यह खरीद देश की कुल तेल खरीद का लगभग 40 प्रतिशत हो गई है।
रूसी तेल पर छूट की वजह से भारत के लिए यह खरीद फायदेमंद रही, क्योंकि यूरोपीय देशों ने रूस से तेल खरीदने में परहेज किया था। सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के अनुसार, नवंबर में रूस से कच्चे तेल की छूट ब्रेंट कच्चे तेल की तुलना में 17 प्रतिशत बढ़ी और यह औसतन 6.01 डॉलर प्रति बैरल रही।
इसके अतिरिक्त, चीन और भारत रूस से जीवाश्म ईंधन का सबसे बड़ा आयातक बने हुए हैं। CREA के अनुसार, नवंबर में भारत ने रूस के कुल जीवाश्म ईंधन निर्यात में 17 प्रतिशत का योगदान दिया। कच्चे तेल के अलावा, भारत ने रूस से कोयला भी खरीदा है, जहां चीन और तुर्की जैसे देशों के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।Tag: #IndianOilImports #Russia #CrudeOil #EnergyReport #FossilFuel